ओरियाना पावर ने राजस्थान में पहला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट आरंभ किया
नई दिल्ली/उदयपुर, निर्भय पथिक): ओरियाना पावर ने डबोक माइंस, उदयपुर, राजस्थान में एक नए 800kW AC/ 1MWp DC फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की सफलतापूर्वक स्थापना की है। इस प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट उदयपुर सीमेंट वर्क्स लिमिटेड (UCWL) से मिला था जो की जे के लक्ष्मी सीमेंट की एक सहायक कंपनी है। राजस्थान में किसी भारतीय सीमेंट कंपनी द्वारा अपनी खदान में इस किस्म का सौर ऊर्जा संयंत्र पहली बार लगवाया गया है।
डबौक फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट हर साल लगभग 17 लाख यूनिट स्वच्छ बिजली का उत्पादन करेगा और इस तरह से राज्य सरकार की उस योजना में भी योगदान करेगा जिसके तहत नवीकरणीय ऊर्जाओं की संभावनाओं का व्यवस्थित तरीके से दोहन किया जाना है। अनुमानित रूप से 1 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पैनल सिस्टम हर साल लगभग 44 लाख लीटर पानी बचाता है, क्योंकि इससे पानी के भाप बनकर उड़ने की प्रक्रिया में 70 प्रतिशत तक कमी आ जाती है। इस प्रोजेक्ट के प्रोडक्शन का अनुमान है की यह इतनी बिजली उत्पन्न करेगा जिससे 1000 से अधिक घरों की बिजली की जरूरत पूरी हो सकती है तथा सालाना 1000 टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन से बचा जा सकेगा।
ओरियाना पावर के सह-संस्थापक व चीफ बिज़नेस ऑफिसर अनिरुद्ध सारस्वत ने कहा, ’’राजस्थान में वर्ष भर खूब धूप रहती है यह देश के उन राज्यों में से है जहां साल में सबसे ज्यादा धूप के दिन होते हैं। इसके अलावा यहां ऐसी सरकारी व निजी जमीन बहुतायत में है जो बंजर है या जिस पर खेती नहीं होती। इन सब पहलुओं को देखते हुए कहा जा सकता है की यहां सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की विशाल संभावनाएं हैं। इसे विश्व स्तर पर सबसे पसंदीदा सौर ऊर्जा केन्द्र बनाया जा सकता है। राज्य में ओरियाना पावर का यह पांचवा प्रोजेक्ट है, राजस्थान सरकार का 2024-25 तक 30 GW क्षमता का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, जिससे प्रदेश व देश का बिजली उत्पादन परिदृश्य बदल जाएगा। काबिले गौर है की राजस्थान में 142 GW सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है।