विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों की शिकायतों के सरल एवं प्रभावी निपटारे के लिए एक तंत्र स्थापित करने के संबंध में अधिसूचना जारी की है। यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं कालेजों के प्राचार्यों को इस संबंध में पत्र लिखा है। पत्र में जोशी ने यूजीसी (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम 2023 पेश किया है।
नये विनियम में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को छात्र शिकायत निपटरा समिति (एसजीआरसी) स्थापित करने तथा विश्वविद्यालय स्तर पर लोकपाल नियुक्त करने का प्रावधान किया गया है। इसमें कहा गया है कि संस्थान 30 दिन के भीतर एसजीआरसी का गठन करें। प्रत्येक संस्थान अपने पाठ्यक्रम या अध्ययन के किसी भी कार्यक्रम में प्रवेश आरंभ करने की तिथि से कम से कम साठ दिन की समाप्ति के पूर्व अपनी वेबसाइट पर एक विवरणिका प्रकाशित करेगा या अपलोड करेगा। इसमें (विवरणिका) संस्थान में प्रवेश लेने के इच्छुक अभ्यर्थियों और आम जनता की जानकारी के लिए सूचनाएं उपलब्ध हों। इसमें प्रत्यक पाठ्यक्रम के शिक्षण के घंटों, व्यावसायिक सत्रों और अन्य कार्य के साथ साथ अध्ययन के कार्यक्रमों की सूची आदि हो। इसमें कार्यक्रम के लिये अनुमोदित सीटों की संख्या, न्यूनतम एवं अधिकतम आयु, शैक्षणिक योग्यता, आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया, परीक्षा का विवरण, शुल्क या जमा राशि की सूचना होनी चाहिए। इसके साथ संस्थान के भौतिक एवं शैक्षणिक बुनियादी ढांचे, छात्रावास एवं इसके शुल्क, पुस्तकालय, चिकित्सालय, छात्रों के व्यवहासिक प्रशिक्षण सुविधा, अनुशासन बनाये रहने के निर्देश आदि का ब्यौरा भी होना चाहिए।
अधिसूचना में कहा गया है कि संस्थान से संबंधित किसी पीड़ित छात्र की शिकायत छात्र शिकायत निपटारा समिति के अध्यक्ष को संबोधित की जाएगी। प्रत्येक संस्थान जरूरत के मुताबिक शिकायत निवारण समितियों का गठन करेगा। इसका अध्यक्ष एक प्रोफेसर तथा चार प्रोफेसर या वरिष्ठ संकाय सदस्य होंगे। इसमें शैक्षणिक योग्यता, खेलकूद में उत्कृष्ठता/सह पाठ्यचर्या गतिविधियों में प्रदर्शन के आधार पर नामित किये जाने वाले छात्रों में एक-एक प्रतिनिधि विशेष आमंत्रित सदस्य होगा। समिति के निर्णय को लेकर कोई पीड़ित छात्र निर्णय प्राप्त होने की तारीख से 15 दिनों के भीतर लोकपाल के समक्ष अपील कर सकता है।