उत्तर भारतीय और मराठी एक हैं – मुख्यमंत्री शिंदे
संजीव शुक्ल
मुंबई,(निर्भय पथिक ); महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मंत्रियों , सांसदों , विधायकों के साथ अयोध्या में रविवार 9 अप्रैल को अयोध्या में रामलला के दर्शन किये। उन्होंने श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण कार्य को भी देखा। उन्होंने समीप ही स्थित हनुमानगढ़ी में हनुमानजी का भी दर्शन किया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जो राम को मानते हैं वह राज करेंगें। राम को मानने वाली सरकार महाराष्ट्र में है। राम राज्य की संकल्पना करना है तो राम लला का दर्शन करना है। वह दिल्ली में जरूरी मीटिंग से समय निकाल कर अयोध्या रामलला के दर्शन के लिए पहुंचे थे। दर्शन के बाद वह पुनः दिल्ली चले गये। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अयोध्या में एक पत्रकार परिषद को सम्बोधित किया। जिसमें उन्होंने कहा कि हमारी शिवसेना – भाजपा की युति है। हम रामलला के दर्शन करके ऊर्जा लेकर जाएंगे। 2024 में भाजपा – शिवसेना का भगवा महाराष्ट्र में लहराएगा। उन्होंने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से महाराष्ट्र सदन बनाने का निवेदन किया है। इस बारे में उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया हैं। उस महाराष्ट्र भवन का नाम बाला साहब ठाकरे महाराष्ट्र भवन होगा।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उत्तर भारतीय और महाराष्ट्र अलग नहीं है। वह वहां हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर रहते हैं। वह हमारे मुंबई वासी हैं , महाराष्ट्र वासी हैं। उत्तर भारतीय और मराठी अलग नहीं है। वहां की जो सुविधाएं हैं वह उत्तर भारतीयों को भी मिलती हैं। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि अयोध्या मेरे लिए आत्मीयता का मामला है। अयोध्या आने के लिए सोचते हैं तो ख़ुशी होती है क्योंकि वाइब्रेशन ही ऐसा है। राम मंदिर हिंदुत्व का प्रतीक है अस्मिता का प्रतीक है। आज हमने पहली बार मुख्यमंत्री के तौर पर रामलला का दर्शन किया। भगवान की कृपा से मुझे धनुष बाण और शिवसेना मिली। आज जब दर्शन लिया तो पंडित ने पुराने अवशेष दिखाए। मंदिर का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की देखरेख में तेजी से चल रहा है। मैं मंदिर के गर्भगृह में भी गया। एक वाइब्रेशन महसूस करने को मिला। जनवरी 2024 में मंदिर में रामलला की मूर्ति भी स्थापित हो जाएगी। उसके बाद भी मंदिर का निर्माण कार्य चलता रहेगा। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए बहुत सौभाग्य का दिन है मैं इस दिन को भूल नहीं पाऊंगा। इसके पहले आता था तो कार्यक्रम के आयोजन के लिए आता था आज कार्यकर्ताओं ने आयोजन किया है। एक मंगल पवित्र वातावरण बन गया। दर्शन के लिए पूरी सरकार आयी थी । हमारे सहयोगी उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी आये थे दर्शन लेकर उनको दिल्ली जाना था। मैं उपमुख्यमंत्री फडणवीस को धन्यवाद दूंगा कि दिल्ली में बैठक होने के बावजूद यहां पहुंचे। सरयू आरती का कार्यक्रम हैं। संत महात्माओं का कार्यक्रम है। यह यात्रा लाखों लोगों को आनंद देने वाली है। कुछ लोगों को तकलीफ भी हुई है। उन्हें हिंदुत्व से एलर्जी है। हिंदुत्व जीवन प्रणाली है यह सभी को साथ लेकर चलने वाला है। हमारा हिंदुत्व अन्य लोगों का अपमान करने वाला नहीं है। कुछ लोगों को लगता है कि हिंदुत्व घर-घर जायेगा तो हमारी दुकान बंद हो जाएगी। गर्व से कहो हम हिन्दू हैं यह नारा बाला साहब ठाकरे ने दिया। हमारी और भाजपा की विचारधारा एक है जानबूझकर कुछ लोग गलतफहमी फैलाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जनता की सरकार है। मैं एयर कंडीशन ऑफिस में बैठकर काम करनेवाला नहीं हूँ मैं फील्ड में उतरकर काम करनेवाला हूँ। अयोध्या से हमारा पुराना नाता है। हमारे गुरु आनंद दिघे ने चांदी की ईंट भेंट की थी। मुख्यमंत्री शिंदे ने पत्रकारों से माफ़ी मांगते हुए कहा कि कुछ धक्का मुक्की हुई ,कोई असुविधा हुई तो उसके लिए माफी मांगता हूँ। यहाँ का प्रोटोकॉल मुझे पता नहीं था। जिस गाड़ी में बैठने को कहा गया मैं बैठ गया। हालाँकि मैंने कहा मैं कार्यकर्ताओं के बीच रहना चाहता हूँ। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ( उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना) कहा कि जो रावण राज्य कहते हैं उनसे कहता हूँ कि पालघर में साधुओं की हत्या के समय किसकी सरकार थी। उसी पालघर में दो साधुओं की जान बचाया, नहीं तो मार दिए जाते। हनुमान चालीसा पढ़नेवाली नवनीत राणा और रवि राणा को जेल में डाला गया। पत्रकारों को जेल में डाला गया। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि अजित पवार उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। यह लाखों करोड़ों की भावना का सवाल है ,यदि उनको फालतूगिरी लगता है तो उनको वे सबक सिखायेगें। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र में समर्पित भाव से अंतिम समय तक जनता की सेवा करेगें। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में हुई बेमौसम बरसात से नुकसान का सर्वे करने का आदेश अयोध्या से दे दिया है। मुख्यमंत्री शिंदे संत महात्माओं के सम्मेलन में भी शामिल हुए। यहाँ उन्हें संत महात्माओं ने धनुष बाण और गदा भेंट की। मुख्यमंत्री शिंदे संत महात्माओं के सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि मैं अयोध्या नगरी में कई बार आया हूँ। श्री राम की कृपा से मुख्यमंत्री बना। लेकिन मैं मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि राम भक्त की हैसियत से यहाँ आया हूँ। मैं कल भी कार्यकर्ता था। आज भी कार्यकर्ता हूँ। कल भी कार्यकर्ता रहूँगा। इस संत सम्मेलन में कई प्रमुख संत मौजूद थे। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह भी मौजूद थे। साथ ही महाराष्ट्र से गए सांसद,विधायक, नेता मौजूद थे। शाम को दुनिया भर में मशहूर पवित्र सरयू नदी के तट पर मुख्यमंत्री शिंदे ने महाआरती की.