भाजपा के सांसद गिरीश बापट का निधन
विशेष संवाददाता
मुंबई (निर्भय पथिक): भाजपा के वरिष्ठ नेता और पुणे के सांसद गिरीश बापट का उनके पुणे में 29 मार्च को निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे उनका स्वास्थ्य ख़राब होने के कारण उनका पुणे में उपचार चल रहा था। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे उनके घर जाकर गिरीश बापट को श्रद्धांजलि दी।.उन्होंने कहा कि बापट उनके बीच नहीं रहे उसका दुःख है। उन्होंने मीडिया से बापट के बारे में अपनी भावना व्यक्त की उसके साथ फेसबुक पर बापट के पार्थिव शरीर को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए तस्वीर पोस्ट की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि भारी ह्रदय से मैंने गिरीश भाऊ के पार्थिव का उनके पुणे निवास पर अंतिम दर्शन दर्शन लिया और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। दुःख की इस घड़ी में भगवान हम सबको इसको सहन करने की क्षमता प्रदान करें। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी पुणे जाकर बापट को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद बापट के निधन पर अपने ट्वीट में कहा है कि गिरीश बापट ने भाजपा को महाराष्ट्र में और मजबूत करने में महत्वपूर्ण निभाई। बापट को करीब से जानने वाले जगदीश मुलिक ने कहा कि आज बहुत खराब दिन है। अत्यंत दुखद घटना आज घटी है। विगत डेढ़ साल से वह अस्पताल में उपचार करवा रहे थे , बीमारी से जूझ रहे थे। उनका व्यक्तित्व अत्यंत जुझारू था। बीमारी के हालत में भी विगत कसबा पेठ विधानसभा के उपचुनाव में गिरीश बापट अस्पताल से सीधे भाजपा के जनसंपर्क कार्यालय में पहुंचे थे जिससे अनेक लोगों को आश्चर्य जनक झटका लगा था। गिरीश बापट पुनः एक बार राजनीति में पहले की तरह सक्रिय होंगे ऐसी चर्चा इस घटना के बाद शुरू हुई थी। विधानसभा में विपक्ष के नेता और राकांपा के नेता अजित पवार ने बापट को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक की तालीम में तैयार हुए गिरीश भाऊ जाति , धर्म ,पंथ ,प्रान्त ,भाषा , पार्टी की सीमा से ऊपर उठकर समाज कार्य , विकास की राजनीति की। टेल्को कंपनी के कामगार नेता से होते हुए पुणे महापालिका के नगरसेवक , स्थायी समिति अध्यक्ष , विधायक , मंत्री , सांसद पद तक पहुंचे। चार दशक के लम्बे राजनीतिक करियर में गिरीश भाऊ को पुणेकरों का बेपनाह प्यार मिला। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि गंभीर बीमारी से जूझते हुए भी गिरीश बापट अपनी पार्टी भाजपा को ऊर्जा देने का काम कर रहे थे। उनसे मुलाकात होती तो राजनीति की ही नहीं अन्य विषयों के बारे में भी उनकी जानकारी को देखकर चकित हो जाते थे। हाल ही में पुणे में उनका हाल – चाल लेने के लिए उनसे मुलाकात भी हुई थी। उन्होंने अपना राजनीतिक करियर नगरसेवक के तौर पर शुरू किया था। विधायक, सांसद और राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री के तौर पर सामान्य जनता की समस्याओं का समाधान करने में निरंतर आगे रहे। पुणे के पालक मंत्री के तौर पर विकास की दृष्टि से उन्होंने कदम उठाया था। सभी पार्टियों में उनके मित्र थे। उनके उत्तम जनसंपर्क का उदाहरण हमेशा दिया जाता था। महापालिका में तो उनकी पार्टी की सत्ता नहीं होते हुए भी वह स्थायी समिति के अध्यक्ष बने थे। ऐसा मिलनसार और दिलदार नेता आज अपने बीच से चला गया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि बापट द्वारा भाजपा को बढ़ाने में किये गए योगदान को न भुलाने वाला है। उनके निधन से पार्टी की अपरिमित हानि हुई है।