सरकार जनता के लिए नहीं, चंद लोगों के लिए काम करती है-विपक्षी नेताअंबादास का आरोप
नवीन कुमार
मुंबई (निर्भय पथिक)। सरकार के बजट के पंचामृत के अमृत का जनता को कोई लाभ नहीं हुआ है। सरकार ने केवल झूठी घोषणाएं की और जनता वास्तव में निराश हुई। विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने आज आरोप लगाया कि यह सरकार जनता के लिए नहीं बल्कि चंद लोगों के लिए काम कर रही है।हमने किसानों और मजदूरों के मुद्दों पर विपक्ष के रूप में सदन में आवाज उठाई। लेकिन दानवे ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह सरकार किसानों के सवालों पर चुप है।लोकपाल विधेयक को संयुक्त जाँच समिति के पास भेजे जाने की मांग शीतकालीन सत्र में उठी थी, जिसे आज आखिरकार मान लिया गया। आज 19 सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया गया और अब लोकपाल विधेयक की जांच की जाएगी। दानवे ने कहा कि विपक्ष के नेता के तौर पर उन्हें इस बात का गर्व है कि विधान परिषद में छह निजी विधेयकों को मंजूरी मिली।बेमौसम बारिश से भारी नुकसान होने पर सरकार ने किसानों को कोई राहत नहीं दी। दानवे ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह खेदजनक है कि जब किसानों की आवाज उठाई तो संबंधित मंत्रियों ने उनकी समस्या को नजरअंदाज कर दिया।दानवे ने कहा कि सत्ताधारी विधायकों ने कानून-व्यवस्था के खिलाफ काम किए हैं, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई ,बल्कि विपक्ष के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं।आज सदन में पेश किए गए गौ संवर्धन कानून पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई। दानवे ने इस कानून का विरोध करते हुए सवाल किया कि इसको लागू करने के पीछे सरकार की मंशा क्या है।गुड़ी पड़वा के अवसर पर सरकार द्वारा जारी 96 प्रतिशत आनंद राशन जिले में नहीं पहुंच सका। अब यह राशन ज्यादा रेट पर दिया जाता है। टेंडर प्रक्रिया नहीं हुई। दानवे ने सरकार से पूछा कि इसके पीछे क्या कारण है। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इस राशन के जरिए कुछ ठेकेदारों को खाना खिला रही है।आज सौंपी गई कैग की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के लिए मुंबई नगर निगम आयुक्त को जिम्मेदार ठहराया गया है जबकि वर्तमान मुख्यमंत्री तत्कालीन शहरी विकास मंत्री थे। इसलिए इसके लिए प्रशासन के अधिकारी जिम्मेदार हैं और उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए। पुणे, ठाणे, नासिक, नागपुर और पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम की भी जांच होनी चाहिए। दानवे ने सरकार पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुंबई नगर निगम के जरिए शिवसेना को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है।