बजट सत्र में हुआ जमकर कामकाज ,17 विधेयक पारित हुए
विशेष संवाददाता
मुंबई (निर्भय पथिक): महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र शनिवार को समाप्त हो गया। इस सत्र में जमकर कामकाज हुआ। सत्र में 17 विधेयक पारित किये गए। इसमें औसतन प्रतिदिन 9 घंटे कामकाज हुआ। सदस्यों की अधिकतम उपस्थिति 94.70 जबकि न्यूनतम उपस्थिति 53. 20 थी। इसमें 145 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा हुई और सरकार की तरफ से जवाब दिए गए। अगला सत्र मानसून के दौरान 17 जुलाई को मुंबई में होगा। सत्र समाप्त होने के बाद आयोजित पत्रकार परिषद में महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि बजट अधिवेशन के दौरान दोनों सदनों में रिकॉर्ड कामकाज हुआ। उद्धव ठाकरे को घेरते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी वीर सावरकर का अपमान करने वालों के साथ खड़ी हुई है। उनके विधायक विधान भवन में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन नजर आए, अब तो वे बाला साहेब ठाकरे को हिंदू ह्रदय सम्राट कहने से संकोच करने लगे हैं। राहुल गांधी ने सावरकर, मोदी सरनेम और उनकी जाति और ओबीसी समाज का अपमान किया, इसकी जितनी निंदा की जाए, वह कम है। प्रधानमंत्री मोदी पर बोलने का राहुल गांधी को कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि लोकतंत्र खतरे में होता तो वे भारत जोड़ो यात्रा पर कैसे निकलते? मुख्यमंत्री ने देवेंद्र फडणवीस को आर्थिक मामलों का विशेषज्ञ बताते हुए कहा उन्होंने अच्छा बजट पेश किया। उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कैग की रिपोर्ट सदन में पेश की। बीएमसी को लेकर कैग की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के गंभीर मामले सामने आये हैं, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी। जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सावरकर मामले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनता राहुल गांधी को सड़कों पर घूमने नहीं देगी। वे देशभक्त सावरकर का जानबूझकर अपमान कर रहे हैं। सावरकर ने यातनायें अंडमान की सेलुलर जेल में भोगी। उनको कोल्हू खींचना पड़ा। यदि उन्हें एक दिन अंडमान की सेल्यूलर जेल में रहना पड़ता और आधे घंटे के लिए कोल्हू चलाना पड़ता तो उन्हें पता चलता कि सावरकर को कितनी यातनाएं सहनी पड़ी। उन्होंने कहा कि यह महायुति सरकार का पहला बजट अधिवेशन था और इस दौरान रिकॉर्ड कामकाज हुआ। सत्र के आखिरी दिन विधानसभा से विपक्ष ने सदन का बायकाट किया, यदि वह सदन में उपस्थित रहता तो आनंद मिलता। शायद यह उसकी मजबूरी है, यह अंदर की बात है। ढाई साल में हमने देखा कि पहले अधिवेशन दो से चार दिन का होता था। बजट अधिवेशन में अच्छा काम हुआ, और सभी को न्याय मिला। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि तीन साल बाद विस्तृत अधिवेशन हुआ । सत्तारूढ दल का मकसद अधिक से अधिक कामकाज करने का था। इसलिए अत्यंत बढ़िया कामकाज हुआ। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा हुई , विधेयक पारित किये गए। दोनों हीसदनों। विभिन्न मुद्दों पर बड़े पैमाने पर चर्चा हुई।इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और विधनापरिषद में उपसभापति नीलम गोर्हे का आभार व्यक्त करता हूँ। किसान, मजदूर, कर्मचारी और विभिन्न घटकों के संदर्भ में काफी निर्णय लिए गए। बजट अधिवेशन में बजट का खास महत्व होता है। सदन में महाराष्ट्र को विकास की तरफ ले जाना वाला बजट पेश किया। गृह निर्माण क्षेत्र में 10 लाख घर, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 5 लाख, रमाई के तहत डेढ़ लाख घर देने का संकल्प लिया गया। महिलाओं के लिए भी बड़ा निर्णय हमने लिया। उन्होंने कहा कि सदन में विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा में सरकार ने सकारात्मक भूमिका रखी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विकास का बड़ा प्लान पेश किया। हम जनहित में निर्णय लेने में सफल रहे। इसके पहले विपक्ष के अंतिम सप्ताह पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में कहा कि बजट में रखे गए विकास का पंचामृत राज्य के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। सरकार ने सर्वसमावेशक विकास की संकल्पना की है। इस वजह से राज्य की 12 करोड़ जनता आशावादी है। सरकार किसानों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी हुई है। राज्य में डबल इंजिन सरकार की वजह से तेजी से विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी चुनाव आता है बार -बार मुंबई को अलग करने की बात कही जाती है। जयंत पाटिल ने कहा कि मुंबई को गुजरात ले जाया जा रहा है। यह सच नहीं है। मुंबई का महत्व कम नहीं होने दिया जाएगा।