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महाराष्ट्र:विपक्ष ने लगाया सरकार पर गंभीर नहीं होने का आरोप

by zadmin

विपक्ष ने लगाया सरकार पर गंभीर नहीं होने का आरोप 
 विशेष  संवाददाता 

 मुंबई (निर्भय पथिक):  एक तरफ जहां  महाराष्ट्र  विधानमंडल  के बजट  सत्र में   भरपूर काम करने का सत्ता पक्ष दावा कर रहा है वहीं सत्र के अंतिम  दिन महाविकास आघाड़ी की संयुक्त पत्रकार परिषद  में शिंदे – फडणवीस सरकार पर विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने आरोप लगाया कि विधानमंडल का कामकाज चलाने को लेकर सरकार गंभीर नजर नहीं आई। चर्चा के दौरान अक्सर मंत्री सदन में गैर मौजूद रहते थे। नियम-प्रथा को तोड़ने का कार्य  हुआ। लोकतंत्र के लिए यह बहुत गंभीर बात है।महाविकास आघाड़ी की पत्रकार परिषद  में  कांग्रेस विधायक दल के नेता बाला साहेब थोरात भी मौजूद थे। अजित पवार ने कहा कि  ऐसा पहली बार हुआ जब सदन में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों की उपस्थिति बेहद कम रही। कई बार जब ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए गए तो उनका उत्तर देने के लिए सदन में मंत्री मौजूद नहीं रहते थे, ऐसे में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा को आगे धकेलना पड़ा। सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव ने उच्चांक कायम किया, जबकि ध्यानाकर्षण प्रस्ताव किसी गंभीर और तात्कालिक विषय पर रखा जाता है, लेकिन सदन में विधानसभा क्षेत्रों की समस्याओं को लेकर ध्यानाकर्षण सूचनाएं रखी गई।  हमने अलग-अलग माध्यम से महत्वपूर्ण सवाल उठाने  के प्रयास किए। अधिवेशन जनता के सवाल रखने का मंच है, हमने विरोध की भूमिका नहीं अपनाई। हमारी भूमिका सभागृह चलाने की थी, लेकिन सरकार किसी की कोई बात सुनना ही  नहीं चाहती थी। सत्तारूढ़ दल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तस्वीर को जूतों से पीटा, इससे विधानमंडल की पवित्रता भंग हो गई।
अजित पवार ने कहा कि पुरानी पेंशन को लेकर कर्मचारियों की हड़ताल हुई, लेकिन कोई ठोस फैसला नहीं हुआ। एसटी कामगारों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। एसटी आंदोलन का समर्थन करने वाले विधायक कहां चले गए?। हमने कई घोटाले का खुलासा किया, लेकिन सरकार ने उत्तर नहीं दिया। महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान मराठवाडा मुक्ति संगाम महोत्सव मनाने का फैसला हुआ था, लेकिन सरकार की तरफ से कोई हलचल नजर नहीं आई।अजित पवार ने कहा कि आगामी 2 अप्रैल को संभाजीनगर में महाविकास आघाड़ी की संयुक्त सभा का आयोजन किया गया है। 
-प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष  और विधायक नाना पटोले ने कहा कि पहली  बार निष्ठुर, बहरी सरकार देखने को मिली। राज्य के कृषि मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में 11 किसानों ने आत्महत्या की, लेकिन कृषि मंत्री ने जो उत्तर दिया, वह सरकार के बहरेपन का उदाहरण है। देश के अन्नदाता का अपमान किया गया। हमारा यह सवाल है कि गतिमान सरकार तिजोरी लूटने के लिए है या फिर जनता की  मदद के लिए।  आनंद सीधा  में किसका आनंद है, यह जांच का विषय है। पटोले ने कहा कि विधानमंडल में राहुल गांधी का विरोध क्यों किया गया। अडानी का नाम लेने पर उन्हें क्यों परेशानी होती है। युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे ने कहा कि डबल इंजन सरकार का एक इंजन फेल हो गया है। महाराष्ट्र को पीछे धकेलने के लिए मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। यह पहली बार देखा कि सत्ताधारी दल के विधायक व्यक्तिगत टिप्पणी कर रहे थे। वीर सावरकर को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि शिवसेना की भूमिका पहले से ही साफ है। हम न्यूनतम साझा कार्यक्रम  को लेकर महाविकास आघाड़ी में साथ आए हैं।

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