Home मुंबई-अन्य किसानों के मामले पर विपक्ष का विधानसभा से बहिर्गमन

किसानों के मामले पर विपक्ष का विधानसभा से बहिर्गमन

by zadmin

किसानों के मामले पर विपक्ष का विधानसभा से बहिर्गमन

विशेष  संवाददाता 

मुंबई(निर्भय पथिक): सोमवार को  विपक्ष (महाविकास आघाड़ी ) ने  बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों का मुद्दा उठाते हुए विधानसभा से बहिर्गमन किया। सदन में विपक्ष के नेता अजित पवार ने सुबह 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि सात दिनों से सरकारी कर्मचारियों के  हड़ताल पर जाने से पंचनामे  का काम नहीं हो रहा है। ओलावृष्टि से फसलों और फल बागानों को भारी नुकसान हुआ है। किसान तबाह हो गए हैं। ऐसे में अध्यक्ष महोदय आप जवाबदार व्यक्ति हैं, यह सरकार आदेश देने के अलावा सुधरने वाली नहीं है। यह कहते हुए अजित पवार ने सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि तत्काल राहत राशि की घोषणा कर उसका वितरण शुरू किया जाए।   
विपक्ष के नेता अजित  पवार ने कहा कि ओलावृष्टि से 8 किसानों की मौत हुई है, जानवरों की भी मौत हुई है। फल बगानों को तो भारी नुकसान हुआ है। जिस दौरान अधिवेशन शुरू होता है, उस वक्त लोगों का ध्यान लगा रहता है कि उन्हें न्याय मिलेगा। किसान परेशान में हैं और सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं, ऐसे में सत्ताधारियों से सामंजस्य से काम करने की उम्मीद थी। सत्ताधारी पार्टी  के विधायक संजय गायकवाड कहते हैं कि 75 फीसदी कर्मचारी हराम की कमाई खाते हैं। इस तरह  से सभी सरकारी कर्मचारियों को एक ही तराजू में तौला जाएगा तो कैसे काम  होगा?
राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि हमने अधिकारियों से एक सर्वेक्षण करने को कहा है। हम सुनिश्चित करेंगे कि क्षति आकलन रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाए और अधिकारी इस पर हस्ताक्षर करें। जब हमें उन किसानों का विवरण मिल जाएगा जिनकी फसलें नष्ट हुई है,तो हम उन्हें कुछ सहायता देंगे। लेकिन पवार और विपक्ष के अन्य विधायकों ने सरकार के जवाब को असंतोषजनक बताते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया।
राकांपा विधायक जयंत पाटिल ने कहा कि ओलावृष्टि से किसानों का  बहुत भारी  नुकसान हुआ है। किसान निराश हो गए हैं। पंचनामा करने वाला कोई नहीं है। आज ही राजस्व नियमों के अनुसार तत्काल राहत राशि घोषित कर उसका वितरण शुरू किया जाए।   वहीं दूसरी तरफ  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक नाना पटोले ने विधान भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार टाइम पास कर रही है। किसानों के पंचनामे नहीं हो रहे हैं और उन्हें राहत राशि नहीं मिल रही है। सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल से  पंचनामे नहीं हो रहे हैं। ऐसे में सरकार को किसानों के बैंक खातों में नकदी रकम जमा करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार के वक्त प्राकृतिक आपदा आई थी, उस वक्त तत्काल 10 हजार रुपए की नकद राशि दी गई थी। इसके बाद पंचनामे करते हुए बड़ा राहत पैकेज दिया गया था।  
इसके पहले सुबह  महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने प्याज और अंगूर से भरी टोकरी लेकर विधानभवन की सीढ़ियों पर प्रदर्शन किया। वे ओला प्रभावित किसानों को मुआवजा देने, नहीं तो कुर्सी खाली करने जैसे नारे लगा रहे थे। वे  विधायक आम, काजू प्याज, कपास का  उचित भाव देने की मांग कर रहे थे।

You may also like

Leave a Comment