महाराष्ट्र बजट अधिवेशन
किसानों की समस्या का समाधान नहीं कर पा रही सरकार-अंबादास दानवे
नवीन कुमार
मुंबई (निर्भय पथिक)। कृषि उपज के भाव की कोई गारंटी नहीं है। किसानों की मदद के लिए कोई फंड नहीं है। सरकार किसानों की समस्याओं और मुद्दों को हल करने में पूरी तरह से अक्षम है। इसलिए इस सरकार को सत्ता में बैठने का कोई अधिकार नहीं है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने किसानों के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाते हुए सरकार पर जोरदार हमला बोला।
दानवे ने आज 260 के तहत प्रस्तुत प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा कि यह सरकार किसानों के खिलाफ है और किसानों के साथ अन्याय कर रही है। सरकार किसानों के लिए घोषणाएं करती है लेकिन अमल कुछ नहीं करती। इसलिए दानवे ने सरकार के खिलाफ विरोध व्यक्त किया।
दानवे ने फसल बीमा, सिंचाई के मुद्दों, कृषि उपज के लिए गारंटी मूल्य, किसानों के अतिदेय प्रोत्साहन भत्ता, बिजली कटौती, निरंतर जल आपूर्ति, भारी बारिश के लिए लंबित राहत, बेमौसम बारिश के कारण नुकसान जैसे किसानों के मुद्दों पर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आज किसानों की स्थिति यह हो गई है कि मां उन्हें खाना नहीं खिलाती, पिता भीख नहीं मांगने देते। एक ओर सरकार मदद नहीं कर रही है तो दूसरी ओर बाजार में कृषि उत्पादों का कोई मूल्य नहीं है। ऐसे में किसान के सामने सवाल है कि क्या किया जाए।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना है, यह एक वाटरशेड विकास योजना है। केंद्र ने इस योजना के लिए भारी धनराशि प्रदान की है। लेकिन दानवे ने अफसोस जताते हुए कहा कि इस योजना का एक प्रतिशत भी खर्च नहीं किया गया। यह योजना विभिन्न राज्यों में प्रभावी ढंग से लागू की जा रही है। लेकिन हमारा राज्य धन वापस भेजता है। सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति के कारणकेंद्र को फंड लौटाना शर्म की बात है। दानवे ने जोर देकर कहा कि सरकार का निर्णय तेज है। गतिशील महाराष्ट्र यह केवल विज्ञापनों और नारों में है।
कृषि विभाग के तृतीय श्रेणी में तबादले का आदेश एक तुगलकी किस्म का है। प्रमोशन में बदलाव हुए हैं। दानवे ने कृषि विभाग में तबादले पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मंत्रिस्तरीय आदेश के बिना ग्रुप बी और ग्रुप सी के कर्मचारियों का तबादला नहीं किया जा सकता है। दानवे ने कहा कि 1000 रुपये से अधिक फसल बीमा राशि नहीं देने का आदेश होने पर सरकार एक रुपये फसल बीमा राशि देकर किसानों का मजाक बना रही है।