मराठा समुदाय आरक्षण के लिए पूरी ताकत से अदालत में लड़ेंगे-एकनाथ शिंदे
ध्यानाकर्षण सूचना पर चर्चा में मुख्यमंत्री का आश्वासन
नवीन कुमार
मुंबई (निर्भय पथिक)। मराठा समुदाय को आरक्षण मिले इसके लिए सरकार कटिबद्ध है। इसके लिए पूरी ईमानदारी से प्रयास किए जाएंगे। अदालती लड़ाई भी पूरी ताकत से लड़ी जाएगी। इसके लिए जहां भी जरूरत होगी केंद्र सरकार की मदद ली जाएगी। विधानमंडल के बजट सत्र के बाद दिल्ली में वकीलों की एक टास्क फोर्स और अन्य संबंधितों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज विधान परिषद में आश्वासन दिया कि मैं व्यक्तिगत रूप से उस बैठक में शामिल होऊंगा। ध्यानाकर्षण सूचना पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री शिंदे मराठा समुदाय आरक्षण को लेकर उठाए गए मुद्दों पर बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री शिंदे ने 2018 से 5 मई 2021 तक मराठा समुदाय आरक्षण को लेकर चरणबद्ध विवरण दिया। आरक्षण रद्द होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा करने के लिए न्यायाधीश दिलीप भोसले की एक समिति नियुक्त की गई। इस समिति की सिफारिश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जा रही है। फैसले को लेकर याचिका दायर करने, निष्कर्ष को चुनौती देने और एसईबीसी से राहत के संबंध में एक आयोग नियुक्त करने और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से अपील करने जैसी कई मुद्दों पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में इस बात की भी जानकारी दी कि मंत्री चंद्रकांतदादा पाटिल की अध्यक्षता में मराठा समुदाय आरक्षण पर बनी कैबिनेट सब कमेटी भी काम कर रही रहा।
इस बीच मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण को लेकर एक बड़े शिष्टमंडल के साथ चर्चा के बाद वित्तीय सुविधा देने में कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि छात्रावास सुविधा, छात्रवृत्ति, शैक्षणिक शुल्क प्रतिपूर्ति, परीक्षा शुल्क प्रतिपूर्ति के साथ ही अन्नासाहेब पाटिल आर्थिक पिछड़ा विकास निगम की क्रेडिट सीमा भी बढ़ाकर 15 लाख कर दी गई है। महामंडल के नियमों को लेकर राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी के साथ बैठक और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के साथ चर्चा की गई है। इस महामंडल के लिए धन उपलब्ध कराने के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान भी किया गया है। मराठा समुदाय के युवाओं को सुविधाएं और रोजगार के अवसर मिले इसके लिए नई योजनाएं शुरू की गई हैं। कुनबी मराठा को दाखिला मिले इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है। विशेष रूप से, मराठवाड़ा और विदर्भ के निजामशाही के चार्टर्स और अनुबंधों जैसे राष्ट्रीय दस्तावेजों का भी अध्ययन किया जा रहा है। मराठा समाज के छात्रों के लिए डॉ. पंजाबराव देशमुख छात्रावास योजना में पर्याप्त धनराशि आवंटित की गई है। छात्रों को डीबीटी के माध्यम से निर्वाह भत्ता भी दिया जा रहा है। सारथी संस्था को अब तक 389 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। छत्रपति राजाराम महाराज सारथी छात्रवृत्ति योजना, छत्रपति संभाजी महाराज सारथी युवा व्यक्तित्व विकास एवं कंप्यूटर कौशल प्रशिक्षण, राजमाता जीजाऊ सारथी कौशल विकास प्रशिक्षण, श्रीमंत मालोजीराजे भोसले सारथी इंडो-जर्मन टूल रूम के तहत प्रशिक्षण पर भी जोर दिया जा रहा है। करीब एक लाख मराठी युवाओं को रोजगार-स्वरोजगार मुहैया कराने का लक्ष्य है। हम इसके लिए युद्ध स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। मराठा समुदाय आरक्षण आंदोलन में शहीद हुए युवकों के परिवारों के 20 लोगों को राज्य परिवहन निगम में सेवा में शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस बात का भी जिक्र किया कि कोपर्डी हत्याकांड की तत्काल सुनवाई का आदेश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण रद्द करने से पहले चयनित 1,553 उम्मीदवारों में से अधिकांश को नियुक्त किय गया। आरक्षण मिलने तक मराठा समुदाय को ओबीसी की सभी रियायतें और लाभ दिए जाएंगे। ओबीसी के लाभ और रियायतों में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि उनके साथ कोई अन्याय न हो।
मराठा समुदाय आरक्षण के लिए वरिष्ठ और अनुभवी न्यायविदों की एक टास्क फोर्स बनाई गई है। इसमें एड. हरीश साल्वे के साथ एड. रोहतगी, पटवालिया, एड. विजय सिंह थोराट, एड. अक्षय शिंदे शामिल हैं। मराठा समुदाय आरक्षण की अदालती लड़ाई हम जीतेंगे. इसके लिए वकीलों की सेना और आरक्षण के लिए प्रयास करने वाले सभी लोगों को विश्वास में लिया जाएगा और हम इस लड़ाई को पूरी ताकत से लड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने पूरे विश्वास से कहा।