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महाराष्ट्र बजट अधिवेशन:सरकार ने किसानों के चेहरे से खुशी छीनी-अंबादास दानवे

by zadmin

महाराष्ट्र बजट अधिवेशन:सरकार ने किसानों के चेहरे से खुशी छीनी-अंबादास दानवे

नवीन कुमार

मुंबई (निर्भय पथिक)। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि कोरोना काल में किसानों ने सरकार और जनता को बचाया था, लेकिन शिंदे-फडणवीस सरकार ने किसानों के चेहरे से खुशी छीन ली है। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्याज और कपास की उचित कीमत देने के बजाय कृषि मंत्री किसानों की आत्महत्या की जांच किए बिना चौंकाने वाले बयान देते हैं, जिससे सरकार की भी मुसीबत बढ़ जाती है।  प्याज और कपास के किसानों की स्थिति बहुत दयनीय है। अभी भी कई किसानों को प्रोत्साहन के रूप में भत्ता और अनुदान नहीं मिला है। दानवे ने सरकार की ओर से किसानों के लिए जारी की गई योजनाओं को फर्जी बताया है। दानवे ने इस योजना को कपटपूर्ण और कागजी योजना करार दिया है। सरकार हो या कृषि विभाग इनकी ओर से किसानों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है।सरकार ने घोषणा की है कि वह 1 रुपये प्रति फसल बीमा प्रदान करेगी। लेकिन क्या यह मिलेगा? दो-तीन माह बीत जाने के बाद भी बीमा कंपनियां किसानों को फसल बीमा की राशि का भुगतान नहीं कर रही हैं। सरकार प्याज उत्पादकों को 300 रुपये की सब्सिडी देकर उन पर नमक छिड़कने का काम कर रही है।दानवे ने कहा कि साल में तीन बार बारिश हुई। शीतकालीन सत्र में सरकार ने 3700 करोड़ रूपये की मदद का ऐलान किया था। लेकिन इसमें से कितना पैसा किसानों को दिया गया? दानवे ने सवाल उठाया कि गतिशील सरकार के प्रचार की गति कहां चली गई है।किसानों की आत्महत्याएं नहीं रुक रही हैं। गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति का पैसा समय पर नहीं मिल रहा है। अनुदान और मानदेय समय पर भी नहीं मिलता। गांवों में आदिवासियों का कुपोषण नहीं रुका है। आदिवासी योजनाओं का खर्च उन तक नहीं जा रहा है। पिछड़े वर्ग के भाइयों का खर्च उन तक नहीं पहुंच रहा है। यह विचित्र स्थिति है। योजना आदिवासियों तक नहीं पहुंचती है। दानवे ने कहा कि सरकार उन विभागों पर खर्च नहीं कर सकती है क्योंकि खजाने में पैसा नहीं है।कृषि विभाग सोने का नाटक कर रहा है। तिलहन उत्पादन में बड़ी गिरावट आई है और फलों का निर्यात भी घटा है। आम, केला और संतरा का निर्यात घटा है। भारी बारिश के कारण किसानों के हाथ की घास छिन जाती है, लेकिन सरकार उन्हें कोई सब्सिडी या मदद नहीं देती है। उन्होंने सदन का ध्यान आकर्षित किया कि मराठवाड़ा में साइट्रस मोसंबी परियोजना, नागपुर में संतरा प्रसंस्करण संयंत्र और हल्दी प्रसंस्करण संयंत्र के बारे में सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। दानवे ने रेन गेज के साथ रेंज फाइंडर की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया ताकि कहां और तितनी बारिश हुई, इसकी सटीक जानकारी मिल सके।दानवे ने गर्मी और बारिश की परवाह किए बिना घर पर समाचार पत्र पहुंचाने वाले अखबार विक्रेताओं और व्यापारियों के कल्याण के लिए एक महामंडल की स्थापना करने की मांग की। दानवे ने सदन को बताया कि बजट में बालासाहेब ठाकरे दुर्घटना बीमा योजना के लिए धन का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में घोटाले के आरोपी पुलिस अधिकारी को इसी विभाग का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। दानवे ने सवाल उठाया कि जांच कैसे की जाएगी। दानवे ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पूछा कि दहिसर में वीडियो को लाइव स्ट्रीम करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज क्यों नहीं किया और उन्होंने हटाए गए वीडियो की जांच क्यों नहीं की।

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