विशाल निरंकारी संत समागम में भक्तों का सैलाब उमड़ा
ईश्वर की अनुभूति से ही जीवन में उचित मार्गदर्शन मिलता है -सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज
श्रीकेश चौबे
कल्याण:(निर्भय पथिक)-: “ईश्वर की प्राप्ति से ही जीवन में उचित मार्गदर्शन मिलता है। जब हम ईश्वर के साथ एक हो जाते हैं, हम उनके रंगों में नहा जाते हैं और पल-पल उनके बारे में जागरूक होते हैं, तो हमारे मन से सभी नकारात्मक भावनाएँ अपने आप गायब हो जाती हैं और उनकी जगह प्रेम जीवन का सार बन जाता है। यह विचार निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने खारघर में आयोजित एक दिवसीय भव्य निरंकारी संत समागम में कही। इस संत समागम में मुंबई, नवी मुंबई, पनवेल, ठाणे, डोंबिवली, कल्याण, उल्हासनगर, पुणे आदि स्थानों से भारी भीड़ उमड़ी। सद्गुरु माताजी और निरंकारी राज पिताजी के दिव्य युगल और अमृतवाणी के दर्शन से श्रद्धालु भक्त आनंदित हुए। सद्गुरु माताजी ने अपने संबोधन में समझाया कि जब हमें परमात्मा का ज्ञान हो जाता है तब सर्वज्ञता की दृष्टि बनी रहती है और फिर मन में किसी के प्रति भेदभाव नहीं रहता। सबके प्रति सद्भावना उत्पन्न होती है और मन में परोपकार का भाव जाग्रत होता है। इससे पहले समागम कार्यक्रम के दौरान कई विद्वान वक्ताओं ने अपने विचारों, भक्ति गीतों, भजनों और कविताओं के माध्यम से ब्रह्म के महत्व को बताने का प्रयास किया, जिसका सभी भक्तों ने भरपूर आनंद लिया। सभा में सद्गुरु माताजी और कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया और निरंकारी राज पिताजी का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दिव्य एक दिवसीय निरंकारी संत समागम में, मोहन छाबड़ा (सदस्य प्रभारी, शाखा प्रशासन) और वसंत गुंड, मंडल संयोजक, नवी मुंबई, ने सद्गुरु माताजी और निरंकारी राज पिताजी को उनके दिव्य दर्शन और आशीर्वाद के लिए और सभी समर्पित भक्तों को धन्यवाद दिया।