पुरानी पेंशन योजना हेतु सरकारी कर्मचारी बेमुद्दत हड़ताल पर
विशेष संवाददाता
मुंबई (निर्भय पथिक): पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर राज्य सरकार के कर्मचारी 14 मार्च से बेमुद्दत हड़ताल पर जाएंगे। इससे सरकारी अस्पतालों, स्कूल, कॉलेज, महापालिका सहित अधिकांश सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप्प रहेगा। हड़ताल में शिक्षकों के शामिल होने से 12 वीं और 10 वीं की परीक्षा की उत्तर पुस्तिकों की जांच पर असर पड़ सकता है। सोमवार को कर्मचारी संगठनों और राज्य सरकार के बीच बातचीत निष्फल रही। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्मचारियों से हड़ताल पर न जाने की अपील की, लेकिन कर्मचारी संगठन हड़ताल करने के फैसले पर डटे हुए हैं। वे सरकार के पुरानी पेंशन योजना के अध्ययन के लिए प्रशासकीय अधिकारियों की समिति के गठन के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।
बृहन्मुम्बई राज्य कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष मिलिंद सरदेशमुख का कहना है कि हड़ताल में 17 लाख कर्मचारी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सोमवार को मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की उपस्थिति में कर्मचारी संगठनों की बैठक हुई। सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को लेकर समिति गठित करने की बात कही गई, लेकिन इस मामले में समिति बनाने की क्या आवश्यकता है। यह कोई नया मामला नहीं है। हम हड़ताल करने के निर्णय पर कायम हैं। कर्मचारी संगठनों की नई पेंशन योजना रद्द कर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही संविदा कर्मचारियों को समान वेतन देकर नियमित करने, सभी रिक्त पद तत्काल भरने, बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति करने, केंद्र सरकार के समान भत्ते मंजूर करने, सेवानिवृत्ति की आयु 60 साल करने की मांग कर रहे हैं। हड़ताल में राज्य सरकारी, अर्धशासकीय कर्मचारी, शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारियों के अलावा महापालिका, नगरपालिका, नगरपरिषद के कर्मचारी भी शामिल होंगे।
इसके पहले कर्मचारी हड़ताल के समाधान के लिए मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री ने बैठक की। सरकार की तरफ से कहा गया कि पुरानी पेंशन योजना के अध्ययन के लिए प्रशासकीय अधिकारियों की समिति नियुक्त की गई। यह समिति निर्धारित अवधि में अपनी रिपोर्ट देगी। मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की। विधानमंडल स्थित मुख्यमंत्री समिति कक्ष में कर्मचारी संगठनों की बैठक आयोजित की गई। इस मौके पर विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सौनिक, अखिल भारतीय राज्य सरकार महासंघ के उपाध्यक्ष विश्वास कटकर, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ, शिक्षक भारती, जिला परिषद कर्मचारी संघ, जिला परिषद संघ के प्रतिनिधि, विश्वविद्यालय गैर शिक्षक कर्मचारी संघ, माध्यमिक विद्यालय गैर शिक्षक कर्मचारी संघ, ओल्ड पेंशनर्स एसोसिएशन, कॉलेज प्राध्यापक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य के विकास में कर्मचारियों की हिस्सेदारी महत्वपूर्ण है। जनप्रतिनिधि और प्रशासन रथ के दो पहिए हैं। ऐसे में सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग के पीछे के सिद्धांत के खिलाफ नहीं है। सरकार की मानसिकता इसका मार्ग निकालने की है। अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद उनकी सामाजिक सुरक्षा को लेकर चर्चा से मार्ग निकाला जाएगा। इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की एक समिति नियुक्त की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि यह समिति समयबद्ध तरीके से अपनी रिपोर्ट देगी।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि जिन राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना लागू की है, उस बारे में उनका रोडमैप अभी तक तैयार नहीं हो पाया है। इस योजना के संबंध में राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई नीति से पूर्व में सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों को कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। राज्य सरकार इस बारे में कोई अड़ियल भूमिका नहीं लेगी और कर्मचारियों को ऐसा नहीं करना चाहिए।
इधर आम आदमी पार्टी ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर 14 मार्च से शुरू होने वाली सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन किया है। आम आदमी पार्टी के महाराष्ट्र संगठन मंत्री विजय कुंभार ने कहा कि पार्टी ने पंजाब में चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी कर्मचारियों से पुरानी पेंशन योजना फिर से शुरू करने का वादा किया था। सरकार बनने के बाद हमने अपना वादा पूरा किया और पुरानी पेंशन योजना लागू की।