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खरी खरी :सुरेश मिश्र

by zadmin

सुन बे हिंडेनबर्ग तू,आंख खोलकर देख
अमरीका के बैंक दो,हो गै मटियामेट
हो गै मटियामेट, कुटिल खल तज शैतानी
घर में दिखी न बैंक,दिख गए यहां अडानी
कह सुरेश लुच्चे,सठ शेखी बता रहा है
घाती भारत मां को नीचा दिखा रहा है

सुरेश मिश्र

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