महाराष्ट्र का 5 लाख 47 हजार 450 करोड़ रूपये का बजट पेश
नवीन कुमार
मुंबई (निर्भय पथिक)। महाराष्ट्र राज्य का वर्ष 2023-24 का 5 लाख 47 हजार 450 करोड़ रूपये का बजट आज विधानसभा में उपमुख्यमंत्री व वित्त एवं योजना मंत्री देवेंद्र फडणवीस और विधान परिषद में मंत्री दीपक केसरकर ने पेश किया। इस बजट के अनुसार राजस्व संचय 4 लाख 49 हजार 522 करोड़ रूपये तथा राजस्व व्यय 4 लाख 65 हजार 645 करोड़ रूपये है। राजस्व घाटा 16 हजार 112 करोड़ रुपये और राजकोषीय घाटा 95 हजार पांच सौ करोड़ 80 लाख रुपये है। राज्य पर 7 लाख 7 हजार 472 करोड़ रूपये का कर्ज है और राज्य ऋण में 10.64 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
वित्त मंत्री फडणवीस ने बजट पेश करते हुए कहा कि देश के अमृत काल के पंचामृत पर आधारित बजट में ‘सतत कृषि-समृद्ध किसान’ घटक के लिए 29 हजार 163 करोड़ रूपये, महिलाओं, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों, ओबीसी सहित सभी सामाजिक समूहों के व्यापक विकास के लिए 43 हजार 36 करोड़ रूपये का प्रावधान है। पर्याप्त पूंजी निवेश से अधोसंरचनात्मक सुविधाओं के विकास के लिए 53 हजार 58 करोड़ 55 लाख रूपये, रोजगार सृजन, सक्षम, कुशल-रोजगार योग्य युवाओं के लिए 11 हजार 658 करोड़ रूपये तथा पर्यावरण अनुकूल विकास के लिए 13 हजार 437 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
नागपुर में कृषि सुविधा केंद्र, विदर्भ में संतरा प्रसंस्करण केंद्र
नागपुर डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि महाविद्यालय में अत्याधुनिक तकनीक के उपयोग और प्रसार के उद्देश्य से एक अंतरराष्ट्रीय कृषि सुविधा केंद्र स्थापित करने जा रहे हैं। इस केंद्र के लिए 227 करोड़ 46 लाख रुपये दिए जाएंगे। नागपुर जिले के नागपुर, काटोल, कलमेश्वर, अमरावती जिले के मोरशी और बुलढाणा जिले में आधुनिक संतरा प्रसंस्करण केंद्रों के लिए 20 करोड़ रुपये प्रावधान किए गए हैं। विदर्भ, मराठवाड़ा के 14 आपदा प्रभावित जिलों में केशरी राशन कार्ड धारकों को सीधे वित्तीय सहायता दी जाएगी। खाद्यान्न के बजाय नकद रकम उसके आधार बैंक खाते में प्रतिवर्ष, प्रति किसान 1800 रूपये दिया जाएगा।
वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के लागू होने से पूर्व राज्य कर विभाग द्वारा लागू विभिन्न कानूनों के संबंध में ‘महाराष्ट्र कर, ब्याज, दंड एवं विलंब शुल्क योजना की बकाया समझौता योजना -2023’ अब अभय योजना घोषित की गई है तथा इस अभय योजना की कालावधि 1 मई, 2023 से 31 अक्टूबर, 2023 है। यह योजना 01 मई, 2023 को लंबित बकाया के लिए लागू रहेगी। वैधानिक शासनादेश के अनुसार किसी भी वर्ष के लिए व्यापारी का बकाया दो लाख रुपये तक है, तो उस वर्ष के लिए यह राशि पूरी तरह से माफ करने का प्रस्ताव है। इस अभय योजना से छोटे व्यापारियों को लगभग एक लाख मामलों में लाभ होगा। किसी भी वैधानिक आदेश के अनुसार व्यापारियों का बकाया 50 लाख रुपये या उससे कम है, ऐसे मामले में कुल बकाया राशि का 20 प्रतिशत भुगतान शेष 80 प्रतिशत माफ किया जाएगा। इससे छोटे और मध्यम व्यापारियों को लाभ मिलेगा।