राम सातपुते और जितेंद्र आव्हाड के बयान पर जमकर हंगामा
संजीव शुक्ल
मुंबई(निर्भय पथिक): महाराष्ट्र विधानसभा में गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जितेंद्र आव्हाड और भाजपा के राम सातपुते में जमकर तीखी बहस हुई। इससे भारी हंगामा हो जाने के कारण सदन का कामकाज स्थगित करना पड़ा। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान जीतेन्द्र अव्हाड ने धार्मिक उन्माद फैलाने वाला बयान दिया। जिस पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने ऐतराज जताया और कहा कि बजरंग दल यह राष्ट्र भक्त संगठन है। जीतेन्द्र अव्हाड ने कहा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी कहते हैं सनातन धर्म की रक्षा करना हमारा धर्म है। आव्हाड ने कहा कि सनातन धर्म का अर्थ क्या है रूढ़िवादी परंपरा। इस दौरान अध्यक्ष के आसन पर योगेश सागर आ गए उन्होंने कहा कि आपका आरोप सहन किया नहीं जायेगा। तब विपक्षी सदन में खड़े होकर जहां हंगामा करने लगे वहीं सत्तापक्ष के सदस्य भी आव्हाड के बयान के विरोध में खड़े होकर हंगामा करने लगे। योगेश सागर ने कहा यह सदन है सभी का सम्मान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन को चालू रखने में मदद करिये और सदस्यों को उनकी जगह पर बैठने के लिए कहा। उन्होंने जितेन्द्र आव्हाड को कहा कि अपनी बात समाप्त कीजिये । भाजपा के राम सातपुते ने जितेन्द्र आव्हाड का प्रतिकार किया। जिस पर जितेंद्र आव्हाड ने सातपुते से कहा कि आप जिस सीट से चुनकर आये हो वह आरक्षित सीट है। वह बाबासाहेब आंबेडकर के द्वारा दिए गए संविधान की वजह से हुआ। नहीं तो चाकरी करते रहते। विधायक बन कर नहीं आते। जिस पर सातपुते ने कहा कि मैं हिन्दू दलित हूँ। मुझे गर्व है कि मेरे पिता चप्पल बनाते थे। मैं बाबा साहब को मानता हूँ। मुझे बाबासाहब के कारण आरक्षण मिला मैं शरद पवार की वजह से विधायक नहीं बना। जिस पर विपक्ष के सदस्य खासकर राकांपा के सदस्य आसन से खड़े होकर और शोर करने लगे। वे गर्भ गृह में आकर हंगामा करने लगे , जिस पर पीठासीन अध्यक्ष योगेश सागर ने कहा कि कोई आपत्ति जनक बात रिकॉर्ड में नहीं जाये। अगर है तो उसे रिकॉर्ड से निकाल दिया जाएगा । श्री सागर ने याद दिलाया कि राज्य पाल के अभिभाषण पर चर्चा हो रही है. मुख्यमंत्री को जवाब देना है। लेकिन हंगामा रुका नहीं। विपक्ष के सदस्य सातपुते के खिलाफ सदन के भीतर ही अभद्र शब्दों का उपयोग करते हुए नारेबाजी करने लगे। इसलिए अध्यक्ष ने दोपहर 2.37 पर सदन का कामकाज स्थगित कर दिया। 10 मिनट बाद सदन का कामकाज फिर शुरू हुआ तो अध्यक्ष राहुल नार्वेकर आसन पर आये। उन्होंने कहा कि कुछ आपत्तिजनक होगा तो, उसे रिकॉर्ड से निकाला जायेगा। फिर भी विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी रहा। रांकापा के जयंत पाटिल ने कहा कि सवाल रिकॉर्ड से निकालने का नहीं है सातपुते ने हमारे नेता शरद पवार के बारे में जो कहा उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। वहीं राम सातपुते अपने आसन पर खड़े होकर हाथ के इशारे से तिरस्कार करते हुए हट हट करते रहे। अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा रिकॉर्ड देखने दो उसमें जो अनुचित है उसे निकाल देगें। लेकिन विपक्ष के सदस्य माफी मांगने के लिए कहते रहे। इस दौरान सदन में अजित पवार आ गए उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बारे में इस तरह कहना उचित नहीं है। जैसे हम आपके वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करते हैं वैसे आप भी करें। भाजपा के आशीष शेलार ने कहा कि इस सदन में कोई भी किसी भी वरिष्ठ नेता के बारे में नहीं कहा यदि ऐसा शब्दआया होगा तो मैं माफी मांगूगा। मैं राम सातपुते से विनती करता हूँ कि सम्मानीय सदस्य, जितेंद्र आव्हाड के बोलने से एक धर्म, हिन्दू धर्म का अपमान हुआ है वह भूमिका स्पष्ट करें। सातपुते ने मामले की जानकारी दी। और कहा मैं पहली बार विधायक बना हूँ यदि मैंने सदन की भावना दुखायी हो तो माफी मांगता हूँ। अध्यक्ष नार्वेकर ने आदेश दिया कि अभी तक जो घटनाक्रम हुआ उसमें कोई आपत्तिजनक बात है उसको रिकॉर्ड से निकाले बगैर नहीं प्रक्षेपण नहीं करेंगे।