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विधानमंडल :पत्रकार शशिकांत वारिशे का मामला फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा – फडणवीस

by zadmin

शशिकांत वारिशे का मामला फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा – फडणवीस 
पत्रकार शशिकांत वारिशे की हत्या ,राजनीतिक हत्या – विपक्ष

 संजीव शुक्ल

 मुंबई,(निर्भय पथिक):  रत्नागिरी के पत्रकार शशिकांत वारिशे की हत्या का मामला मंगलवार को विधानमंडल में गूंजा। भाजपा के अतुल भातखलकर ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत  इसे उठाया। उन्होंने कहा कि शशिकांत वारिशे के दुपहिया वाहन को टक्कर लगने से दुर्घटना में  उनकी मौत होने की बात फरवरी 2023 में  सामने आयी। जिसमें रिफायनरी समर्थक के द्वारा  वारिशे की दुपहिया वाहन को टक्कर मारकर उसकी जान लेने का आरोप हुआ। पत्रकार वारिशे की हत्या की साजिश पूर्व नियोजित होने का संदेह है। इसके कारण  एसआईटी द्वारा जांच पूरी करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने पत्रकार  वारिशे के परिजनों आर्थिक मदद देने की आवश्यकता की बात करते हुए, इस बारे में सरकार द्वारा तत्परता से कार्रवाई  एवं उपाय योजना का मामला उठाया। राकांपा के जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि  शशिकांत वारिशे  की हत्या यह राजनीतिक  हत्या है। वहां  जो चुने हुए जन प्रतिनिधि इस रिफायनरी का विरोध कर रहे हैं उन्हें तड़ीपार का नोटिस दिया गया है। वहां पर एक अधिकारी ने 1000 एकड़  जमीन  खरीदी है।40-40 एकड़ जमीन  विधायकों ने खरीदी है। जहां पर रिफायनरी लायी जा रही है वह हेरिटेज साइट है।  जिनका – जिनका इसमें हाथ है वह वारिशे की  राजनीतिक हत्या में शामिल हैं।  शिवसेना ( उद्धव ठाकरे ) के  सुनील प्रभु ने कहा कि जैसे सरकारी अधिकारियों पर हमला होने पर कार्रवाई होती है वैसे पत्रकारों के ऊपर  हमला करने वाले के खिलाफ कार्रवाई  होनी चाहिए।विधानसभा में विपक्ष के नेता  अजित पवार ने कहा कि पत्रकार कैसा भी लिखते हों उन पर हमले नहीं होना चाहिए। पवार ने पूछा  कोई आर्थिक मदद दी है तो बताइये। रत्नागिरी में रीफायनरी के पक्ष में और विरोध में ऐसा चल रहा है क्या। उन्होंने कहा कि आरोपी पंढरीनाथ अंबेकर ने इतना नीच कार्य किया है।  रिफायनरी के समर्थन में  मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बयान का हवाला देते हुए वारिशे ने मुख्यमंत्री   और उपमुख्यमंत्री के साथ अपनी फोटो लगाकर डिस्प्ले  किया है। ऐसे लोग किसी की भी वाह- वाह करते हैं कल हमारी सरकार आयी तो हमारी भी वाह- वाह करेंगें। एसआईटी के प्रमुख को बुलाकर कहिये कि इनको किसी भी तरह की रियायत नहीं  देनी है। पंढरीनाथ अंबेकर  ऐसा काम करते रहेंगे तो पत्रकारों के दायित्व निर्वाह में रुकावट पैदा करते रहेगें। इसमें कोई त्रुटि नहीं रहे। इस  पर पूरे राज्य का ध्यान लगा हुआ है। कांग्रेस के नाना पटोले ने कहा कि पत्रकारों के हमला विरोधी कानून के अंतर्गत  वारिशे  का मामला नहीं आता।  वह ग्रामीण क्षेत्र का पत्रकार है। सदस्यों द्वारा महाराष्ट्र में पत्रकार हमला विरोधी कानून का भी हवाला दिया गया। वारिशे के परिजनों को एक करोड़ की मांग की।   जिस पर उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सदन को बताया कि इस मामले  में एसआईटी गठित की है। करीब 16 लोगों की टीम इस पर काम कर रही है इस मामले में फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट प्रतीक्षित है। कितने दिन में यह होगा कह नहीं सकता क्योंकि यह आपराधिक मामला है। उन्होंने सदन को बताया कि वारिशे को 25लाख रूपये की मदद सरकार से दी  गयी है लेकिन उत्तराधिकारी मामले के कारण उनके उत्तराधिकारी तक नहीं पहुँचाया जा सका।  उन्होंने कहा वारिशे के उत्तराधिकारी को दी जानेवाली रकम  बढ़ायी भी जा सकती है। . उन्होंने  वारिशे की हत्या का मामला फ़ास्ट ट्रैक में चलाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र  हमला विरोधी कानून बनाने से पत्रकारों पर होने वाले हमलों में कमी आयी है।  पहले राज्य  में  एक साल में करीब 30 हमले पत्रकारों  पर  होते थे लेकिन इस कानून के बनने के बाद पत्रकारों पर साल भर में 10 से कम  हमले होते है। उपमुख्यमंत्री फड़नवीस ने कहा कि रिफायनरी का वह प्रोजेक्ट वहीं लगाया जायेगा।     

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