प्याज के मामले पर विधानमंडल में हंगामा
विशेष संवाददाता
मुंबई(निर्भय पथिक): प्याज का मामला मंगलवार को विधानमंडल के अंदर और बाहर जमकर गूंजा। विधानभवन की सीढ़ियों पर विपक्ष के सदस्यों ने प्याज की माला पहनकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। वहीं प्याज की एकदम गिरती कीमतों को लेकर महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों विधानसभा और विधान परिषद में हंगामा हुआ। भारी हंगामे के कारण विधान परिषद की कार्यवाही दोपहर को ही दिन भर के लिए स्थगित की दी गई, जबकि विधानसभा का कामकाज शुरू होते ही स्थगन प्रस्ताव के जरिये विपक्ष के नेता अजित पवार ने यह मामला उठाया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सदन में आश्वासन दिया कि प्याज की पैदावार करने वाले किसानों के साथ है।
विधान परिषद में यह मामला विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने उठाया। इससे सदन में जोरदार हंगामा हुआ और पहले सदन की कार्यवाही दो बार के लिए स्थगित की गई और दोपहर को ही दिन भर के लिए कामकाज स्थगित कर दिया गया। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने स्थगन प्रस्ताव के तहत यह मामला उठाया और कहा कि किसान गंभीर संकट में हैं और सदन को उनके संकट पर चर्चा करने के लिए बाकी सब कामकाज छोड़ देना चाहिए।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मामले में विधानसभा में कहा कि सरकार प्याज उत्पादक किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है। सरकार किसानों को न्याय दे रही है। सरकार प्रभावित किसानों को अपेक्षा से अधिक मदद कर रही है। नाफेड से अतिरिक्त प्याज खरीदने का अनुरोध किया गया है, नाफेड ने प्याज की खरीदी शुरू कर दी है। फिलहाल 2.38 लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीदी की जा चुकी है। जहां खरीदी केंद्र बंद है, वहां खरीदी शुरू की जाएगी।
इसके पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि हमने सरकार को पहले ही सूचित किया है कि कैसे सोलापुर के एक प्याज उत्पादक किसान को केवल 2 रुपए का चेक मिला। रांकापा के अजित पवार ने कहा कि यह एक बड़ा मजाक है और इस मामले में सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और नाफेड को प्याज की खरीद करने का आदेश देना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिया जाना चाहिए, क्योंकि महाराष्ट्र 33 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत का सबसे बड़ा प्याज का उत्पादन करने वाला राज्य है, और राज्य उत्पादित सब्जियों की अच्छी गुणवत्ता के कारण निर्यात में अग्रणीय है। अजित पवार ने कहा कि वर्तमान में प्याज की कीमत 500-600 रुपए प्रति कुंतल है, जिससे किसान निराश है। इसके अलावा कपास, सोयाबीन, चना, अंगूर की खेती करने वालों को भी भारी नुकसान हो रहा है।
राकांपा विधायक छगन भुजबल ने कहा कि प्याज की कीमत कम होने से किसान बेहद परेशान है। ऐसे में सरकार को प्याज के निर्यात में अधिक प्रोत्साहन देकर नाफेड के मार्फत प्याज की खरीदी शुरू करनी चाहिए।
विकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक कांग्रेस,राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी,शिवसेना (यूबीटी) ने प्याज, कपास और सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों की दुर्दशा पर मंगलवार को विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। खरीद कीमतों में अचानक गिरावट के मद्देनजर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए विपक्षी नेताओं ने प्याज की माला पहनाकर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित किया। विधानसभा के बाहर विपक्षी विधायकों ने नारे लगाए। प्याज किसानों के समर्थन में तख्तियां और बैनर प्रदर्शित किए, और बुलढाणा में शांतिपूर्वक विरोध कर रहे किसानों की अंधाधुंध पिटाई की निंदा की। उन्होंने बताया कि कैसे एक किसान नेता रविकांत तुपकर ने किसानों की मांगें पूरी नहीं होने पर खुद को आत्मदाह करने की धमकी दी है। अमोल मिटकरी, भास्कर जाधव, छगन भुजबल, यशोमति ठाकुर और अन्य विपक्षी विधायकों ने बताया कि किसान भारी बारिश, फसल बीमा आदि में फसल के नुकसान के मुआवजे के लिए आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं दिया गया है।