छात्रों की मांग को स्वीकार किया महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग ने
विशेष संवाददाता
मुंबई। महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी ) परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों की मांग को महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग ने मान लिया है। छात्र वर्ष 2025 से परीक्षा के पैटर्न में बदलाव करने की मांग कर रहे थे। इस मांग को लेकर छात्र पिछले कुछ दिनों से आंदोलन कर रहे थे। छात्रों की मांग का समर्थन सरकार के साथ-साथ विपक्षी दल भी कर रहे थे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट करके कहा है कि राज्य सरकार के निवेदन को सम्मान देते हुए महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग ने विद्यार्थियों के हित का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री शिंदे ने इस निर्णय का स्वागत किया है और फडणवीस ने आभार व्यक्त किया है।
गुरुवार को महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग ने ट्वीट में कहा कि राज्य सेवा की मुख्य परीक्षा वर्णनात्मक (डिस्क्रिप्टिव) पद्धति से वर्ष 2025 में ली जाएगी। राज्य लोक आयोग के इस निर्णय के बाद छात्रों ने पुणे के झांसी की रानी चौक पर जल्लोष मनाया।
छात्रों का कहना था कि वे पिछले कुछ साल से एमपीएसी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। करोना के कारण दो साल उन्हें काफी तकलीफ उठानी पड़ी। इसके बाद परीक्षा की तारीख जल्द घोषित नहीं की गई। इससे छात्रों में खासा असंतोष पैदा हो गया। इसके बाद परीक्षा के नया पैटर्न लागू होने से छात्र खासे आक्रामक हो गए।
पुणे के झासी की रानी लक्ष्मी बाई चौक में छात्र पिछले 20 फरवरी से आंदोलन कर रहे थे। पिछले दो माह में छात्रों का यह तीसरा आंदोलन था। जनवरी अंत में छात्रों की मांग मंजूर करते हुए सरकार ने परीक्षा के नए पैटर्न को वर्ष 2025 तक आगे बढ़ा दिया था। हालांकि तीन सप्ताह गुजर जाने के बाद महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की तरफ से कोई फैसला नहीं होने की वजह से छात्र फिर से आंदोलन करने पर बाध्य हो गए। आखिरकार महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग ने गुरुवार शाम को ट्वीट कर छात्रों की मांग को मंजूर किये जाने की जानकारी दी।
छात्रों की मांग को स्वीकार किया महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग ने
previous post