श्रद्धा, निक्की,अंजली,या फिर कोई और,
लक्ष्मण रेखा तोड़ने,का चालू है दौरII
चालू है यह दौर, गौर से सोंचे नेशन,
बना रहे कुछ लोग,ब्याह से पूर्व रिलेशनII
कह सुरेश पाश्चात्य संस्कृति अपनाओगे,
सात जनम की प्रीति भला कैसे पाओगे II
सुरेश मिश्र
श्रद्धा, निक्की,अंजली,या फिर कोई और,
लक्ष्मण रेखा तोड़ने,का चालू है दौरII
चालू है यह दौर, गौर से सोंचे नेशन,
बना रहे कुछ लोग,ब्याह से पूर्व रिलेशनII
कह सुरेश पाश्चात्य संस्कृति अपनाओगे,
सात जनम की प्रीति भला कैसे पाओगे II
सुरेश मिश्र