कला, शिल्प और व्यंजनों का अनोखा सांस्कृतिक संगम मुंबई के आजाद मैदान में देखिए और आनंद लीजिए
नवीन कुमार
मुंबई (निर्भय पथिक)। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और चर्चगेट के बीच आजाद मैदान में राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां कला, शिल्प और व्यंजनों का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है जिसका आनंद मुंबईकर उठा रहे हैं। भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय ने इस महोत्सव का आयोजन 11 फरवरी से 19 फरवरी तक है और वह भी सबके लिए मुफ्त प्रवेश है। इस अनोखे संगम स्थल पर आने के बाद कोई भी व्यक्ति विशाल मंच पर संगीत के कार्यक्रम का रसास्वादन करने से खुद को रोक नहीं पाता है। यहां लोक कलाकारों के साथ चर्चित कलाकारों की प्रस्तुति कला और संगीत प्रेमियों को अपनी ओर खींच लेती है। सोमवार की रात में भी महान संगीतकार आर.डी. बर्मन को राज सोढा, किशोर सोढा और सिद्धार्थ एंटरटेनर्स संगीतमय श्रद्धांजलि पेश कर रहे थे। इस उत्सव में पूरे भारत के लगभग 350 लोक और आदिवासी कलाकार शामिल हिस्सा ले रहे हैं। लगभग 300 स्वदेशी लोक कलाकार, कुछ ट्रांसजेंडर कलाकार और अलग-अलग विकलांग कलाकार, प्रसिद्ध शास्त्रीय कलाकार, प्रसिद्ध कलाकारों के साथ-साथ अपने मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रदर्शनों से दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं और उन्हें प्रेरित कर रहे हैं। इन कलाकारों के अलावा भारत के सभी राज्यों और केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सभी सात संभागीय सांस्कृतिक केंद्रों के लगभग 150 कारीगरों को ‘आंगन’ के तहत अपनी कला और हस्तशिल्प को बेचने और प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया गया है, जहां लगभग 70 स्टॉल लगाए गए हैं। साथ ही महाराष्ट्र राज्य हथकरघा विभाग और स्टार्टअप के लिए 25 स्टॉल लगाए गए हैं। मैदान में एक फूड कोर्ट स्थापित किया गया है और लगभग 37 स्टॉल पूरे भारत से विभिन्न प्रकार के भोजन की पेशकश करते हैं, स्थानीय फूड स्टॉल और साबुत अनाज आम जनता के लिए उपलब्ध हैं। यहां बिहार के लिट्टी चोखा के अलावा महाराष्ट्र की झुणका भाखर भी उपलब्ध है।महोत्सव में आज के कार्यक्रम संगीत प्रेमियों के लिए कभी न भूलने वाला अनुभव भी रहा। नागालैंड कंज़र्वेटरी ऑफ़ म्यूज़िक चोइर ने लिपोकमार तज़ुदिर के समन्वय में पश्चिमी और लोक संगीत का एक सुंदर संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया।