प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में अल्जामिया-तूस-सैफिया के नए परिसर का उदघाटन किया
नवीन कुमार
मुंबई (निर्भय पथिक)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुंबई के मरोल में अल्जामिया-तुस-सैफिया (सैफी अकादमी) के नए परिसर का उदघाटन किया। इस मौके महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे। अल्जामिया-तुस-सैफिया दाऊदी बोहरा समुदाय का प्रमुख शिक्षण संस्थान है। सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन के नेतृत्व में यह संस्था इस समुदाय की सीखने की परंपराओं और ज्ञान को संरक्षित करने का काम कर रही है।इस अवसर पर बोलते हुए प्रधान मंत्री ने आगे कहा कि मैं आज यहां प्रधानमंत्री के रूप में नहीं हूं, बल्कि उस परिवार के सदस्य के रूप में हूं जिसके साथ मेरा चार पीढ़ियों से संबंध है। उन्होंने कहा कि “दाऊदी बोहरा समुदाय ने खुद को बदलते समय और विकास के अनुकूल बनाने के लिए खुद को साबित किया है। अल्जामिया-तुस-सैफिया जैसी संस्था इसका जीता जागता उदाहरण है।प्रधानमंत्री ने दाऊदी बोहरा समुदाय के साथ अपने लंबे जुड़ाव के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हम जहां भी जाते हैं, बोहरा समुदाय के लोग हम पर अपना स्नेह बरसाते हैं। उन्होंने याद किया कि कैसे सैयदना 99 साल की उम्र में भी पढ़ा रहे थे। उन्होंने सैयदना की जन्मशती पर आयोजित समारोह को भी याद किया। गुजरात में पानी की स्थिति बदलने के लिए सैयदना की प्रतिबद्धता को याद किया और उनके इस काम के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि यह इस बात का उदाहरण है कि कुपोषण से लेकर पानी की कमी जैसी समस्याओं से निपटने के लिए अगर सरकार के प्रयासों को समुदाय के साथ जोड़ा जाए तो इससे बेहतर क्या किया जा सकता है।प्रधानमंत्री ने कहा कि मुंबई में अल्जामिया-तुस-सैफिया का सपना आजादी से पहले देखा गया था। मोदी ने यह भी याद किया कि दांडी कार्यक्रम से पहले महात्मा गांधी दाऊदी बोहरा समुदाय के एक नेता के घर रुके थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके अनुरोध पर यह घर संग्रहालय बनाने के लिए सरकार को दिया गया था।इस मौके पर प्रधानमंत्री ने सभी से इस घर का दौरा करने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं और लड़कियों की आधुनिक शिक्षा के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अलजामिया-तूस-सैफिया भी इस प्रयास में पहल कर रहे हैं। प्रधान मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश की प्राथमिकता भारत की संस्कृति के अनुसार बनाई गई आधुनिक शिक्षा प्रणाली है। उन्होंने उस समय को याद किया जब भारत नालंदा और तक्षशिला जैसे संस्थानों के साथ दुनिया भर के छात्रों का ध्यान आकर्षित करने वाला शिक्षा केंद्र था।
भारत में शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तनों का उल्लेख करते हुए प्रधान मंत्री ने शिक्षा प्रणाली में क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग और मेडिकल की शिक्षा अब क्षेत्रीय भाषाओं में ली जा सकती है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में अल्जामिया-तूस-सैफिया के नए परिसर का किया उदघाटन
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