खरी-खरी
सीतारामन करेंगी, आम बजट को पेश।
किसको राहत मिलेगी, किसे लगेगी ठेस।।
किसे लगेगी ठेस, टैक्स क्या और लगेगा।
महंगाई का सूचकांक, क्या और बढ़ेगा।।
आम आदमी का, लेकिन है बुझा हुआ मन।
उसको क्या कुछ, ढाँढस देंगी सीतारामन।
अशोक वशिष्ठ
खरी-खरी
सीतारामन करेंगी, आम बजट को पेश।
किसको राहत मिलेगी, किसे लगेगी ठेस।।
किसे लगेगी ठेस, टैक्स क्या और लगेगा।
महंगाई का सूचकांक, क्या और बढ़ेगा।।
आम आदमी का, लेकिन है बुझा हुआ मन।
उसको क्या कुछ, ढाँढस देंगी सीतारामन।
अशोक वशिष्ठ