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महाराष्ट्र के विकास के लिए संसद में आवाज उठाएं सांसद-एकनाथ शिंदे

by zadmin

महाराष्ट्र के विकास के लिए संसद में आवाज उठाएं सांसद-एकनाथ शिंदे

नवीन कुमार

मुंबई । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के सांसदों से अपील की है कि वे एकजुट होकर राज्य के विकास के लिए संसद में आवाज उठाएं। उन्होंने कहा कि सांसदों की आवाज ऊंची होगी तो राज्य में ज्यादा से ज्यादा केंद्र से विकास की योजनाएं और फंड आएंगे। संसद के बजट सत्र की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में सह्याद्री अतिथि गृह में महाराष्ट्र के संसद सदस्यों की बैठक आयोजित की गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि सांसद केंद्र से विकास योजनाओं को लाने के लिए प्रयासरत रहते हैं। बावजूद इसके राज्य के विकास के लिए हमें एकजुट होकर केंद्र पर दबाव बनाना है और ज्यादा से ज्यादा राज्य के विकास से जुड़ी योजनाओं को लाना है। इसके साथ ही फंड भी लाना है। शिंदे ने ध्यान दिलाया है कि राज्य के विकास से जुड़ी कई योजनाएं प्रलंबित है और उसे फंड के साथ राज्य में लाना है। मुख्यमंत्री ने यह भी अपील की कि महाराष्ट्र सदन में रेजिडेंट कमिश्नरों को निरंतर अनुवर्ती तंत्र बनाए रखते हुए केंद्रीय मंत्रालय और राज्य के विभिन्न विभागों के बीच एक कड़ी के रूप में काम करना चाहिए।इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, राज्य मंत्री भागवत कराड, कपिल पाटिल, डॉ. भारती पवार, राज्य के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल, रोह्यो मंत्री संदीपन भुमरे, कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार, शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, राज्य के सांसद सहित राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विभिन्न विभागों के सचिव और राज्य प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि केंद्र सरकार के पास ऐसे प्रस्ताव हैं जो राज्य के हितों और सभी आम लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करते हैं और हम उन्हें गति देने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे। इसके लिए यह बैठक महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने लम्बित प्रस्तावों एवं प्रश्नों का अनुश्रवण करते हुए आशा व्यक्त की कि राज्य के विकास के लिए और नई परियोजनाओं, गतिविधियों एवं योजनाओं की व्यवस्था की जाये।मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक में सांसदों द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए दो महीने बाद एक और बैठक की जाएगी। शिंदे  ने निर्देश दिया कि मंत्रालय के विभिन्न विभागों के सचिव भविष्य में उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर जमा कराना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र को केंद्र सरकार से पर्याप्त धनराशि मिल रही है और हाल ही में प्रधानमंत्री ने राज्य के शहरी विकास विभाग के 15 हजार करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने रेलवे परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार के 50 प्रतिशत हिस्सा नहीं देने के निर्णय को रद्द कर दिया है और अब रेलवे परियोजनाओं के लिए 50 प्रतिशत धन देने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि व्यय का उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर दिया जाए जिससे केंद्र सरकार से वर्तमान में 1400 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त करने में मदद मिलेगी।इस मौके पर सांसद गजानन कीर्तिकर, संजय मांडलिक, इम्तियाज जलील, धनंजय महाडिक, रामदास तदास, दारीशील माने, राजेंद्र गावित, डॉ. श्रीकांत शिंदे, हेमंत पाटिल, श्रीरंग बराने, पूनम महाजन, डॉ. प्रीतम मुंडे, नवनीत राणा, मनोज कोटक, संजय मंडलिक, प्रताप जाधव, डॉ. सुजय विखे पाटिल, रंजीत सिंह नाइक-निंबालकर, सुधाकर श्रृंगारे, गोपाल शेट्टी, हेमंत गोडसे और डॉ. अमोल कोल्हे ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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