जय जय महाराष्ट्र माझा,गर्जा महाराष्ट्र माझा” महाराष्ट्र का राज्य गान होगा
सांस्कृतिक कार्य विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी
नवीन कुमार
मुंबई: कवि राजा नीलकंठ बढ़े रचित गीत “जय जय महाराष्ट्र माझा, गर्जा महाराष्ट्र माझा”को महाराष्ट्र राज्य गान घोषित किया गया है. यह घोषणा सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने की. इस गीत को कवि राजा नीलकंठ बढ़े ने दो छंदों में लिखा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस गीत को सर्वसम्मति से राज्य गान के रूप में अनुमोदित किया गया।
महाराष्ट्र राज्य बनने के बाद अब तक कोई आधिकारिक राज्य गान नहीं था। भारतीय स्वतंत्रता के अमृत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में इसे महाराष्ट्र गीत के रूप में स्वीकार किया गया है। यह गीत महाराष्ट्र के सभी नागरिकों को प्रेरित करता है और महाराष्ट्र की बहादुरी का वर्णन करता है। जय जय महाराष्ट्र माझा, गर्जा महाराष्ट्र माझा को गीत के रूप में श्रीनिवास खले ने संगीतबद्ध किया है और इसे शाहीर कृष्णराव साबले ने गाया है।
छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर इस महाराष्ट्र गीत को 19 फरवरी 2023 से महाराष्ट्र के राज्य गान के रूप में अपनाया जाएगा। राज्य गान करीब 1 मिनट 41 सेकंड तक गाया जाएगा या पुलिस बैंड पर बजाया जाएगा। महाराष्ट्र के राज्य गान को गाने और बजाने के लिए कुछ दिशा निर्देश होंगे। वे इस प्रकार हैं:-1) सरकार के सभी सार्वजनिक समारोहों की शुरुआत में राज्य गीत के ऑडियो संस्करण के साथ किया जाना है।2) 1 मई को झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान बजते ही राज्य गान बजाया/गाया जाएगा।3) प्रदेश के विद्यालयों में दैनिक सत्र प्रारंभ होने से पूर्व पारिपथ/प्रतिज्ञा/प्रार्थना/राष्ट्रगान के साथ ही राज्यगान बजाया/गाया जाएगा।4) सभी शैक्षणिक संस्थान, सभी प्रकार के गैर-सरकारी संगठन, स्वयंसेवी संगठन, निजी प्रतिष्ठानों के साथ-साथ सभी नागरिकों के लिए सांस्कृतिक, सामाजिक और खेलकूद कार्यक्रमों आदि में राज्य गान को सम्मान पूर्वक बजाना/गाना स्वीकृत होंगे।5) जब राज्य गान शुरू हो तो सभी को सावधान होकर खड़ा होना चाहिए और राज्य गान का सम्मान करना चाहिए। छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, बीमार, विकलांग लोग और बुजुर्ग लोग को छूट दी गयी है.6) राष्ट्रगान की तरह ही, राज्य गान के मामले में भी ऐसा ही किया जाना चाहिए। इस गाने को बजाने/गाने वालों को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए।7) पुलिस बैंड के माध्यम से इस गीत की वाद्य धुन बजाई जा सकती है।8) राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड की पाठ्य पुस्तकों में इस राज्यगान को शैक्षणिक वर्ष से शामिल किया जाना चाहिए।9) इस राज्य गान के प्रभावी प्रचार और लोकप्रियता के लिए उसके अधीन सभी विभाग, प्रतिष्ठानों / कार्यालयों को सूचित किया जाना चाहिए।10) सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय द्वारा राज्य गान का प्रचार/प्रसार करने के लिए एक विशेष अभियान की योजना बनाई जानी चाहिए। उसके लिए प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया का भी सही इस्तेमाल करना चाहिए।11) राज्य सरकार के इस आधिकारिक राज्यगान का लिंक www.maharashtra.gov.in वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।