दुनिया बनने लगी है,मन रोगी,मतिमंद
साहेब थोड़ी देर तो,करो मोबाइल बंद
करो मोबाइल बंद,तनिक संवाद कीजिए
बचपन है क्या चीज़,कभी तो याद कीजिए
कह सुरेश जीवन होवे ‘पिंजरे की मुनियां’
जागो मोबाइल से पंगु बन रही दुनिया
सुरेश मिश्र
दुनिया बनने लगी है,मन रोगी,मतिमंद
साहेब थोड़ी देर तो,करो मोबाइल बंद
करो मोबाइल बंद,तनिक संवाद कीजिए
बचपन है क्या चीज़,कभी तो याद कीजिए
कह सुरेश जीवन होवे ‘पिंजरे की मुनियां’
जागो मोबाइल से पंगु बन रही दुनिया
सुरेश मिश्र