Home मुंबई-अन्य महासागर की तरह अथाह था बालासाहेब का व्यक्तित्व -देवेंद्र फडणवीस

महासागर की तरह अथाह था बालासाहेब का व्यक्तित्व -देवेंद्र फडणवीस

by zadmin

महासागर की तरह अथाह था बालासाहेब का व्यक्तित्व -देवेंद्र फडणवीस

संजीव शुक्ल 

मुंबई ;, हिन्दू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे  के तैलचित्र का  विधान भवन के केंद्रीय सभागृह में अनावरण के अवसर पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने  कहा कि आज के कार्यक्रम की संकल्पना  विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने तैयार की।  इस  अवसर पर  उपमुख्यमंत्री  देवेंद्र फडणवीस ने  बालासाहेब  से जुड़ी  कई बातों को  उद्धृत किया। उन्होंने कहा कि मुंबई में जिस तरह से  महासागर है उसी तरह बालासाहब ठाकरे थे।  वह अत्यंत शांत थे लेकिन जब ज़रूरत पड़ती थी तब अत्यंत आवेग में आ जाते थे। तब तूफान से भी ज्यादा बालासाहेब की शख्सियत थी। महाराष्ट्र और देश के नेताओं के बीच उनका यह व्यक्तित्व ही उन्हें अलग खड़ा करता था। उन्होंने बताया की एक बार एक कार्टून छापे जाने के कारण आर आर पाटिल ने अधिकार हनन प्रस्ताव लाया।  बालासाहब ठाकरे को अधिकार हनन समिति के सामने चार बार  हाज़िर होना पड़ा।  एक बार उनसे पूछा गया कि मीठा खाते हो तो उन्होंने जवाब दिया कि रुपया छोड़कर सब कुछ खाता हूँ।  फडणवीस ने कहा कि बालसाहेब ठाकरे की जबान पत्थर की लकीर थी।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि एक बार आनंद दिघे के ऊपर टाडा लगा था तब बाला साहेब ठाकरे फ़ोन करके इस प्रयास में थे  कि  उनको छोड़ा जाये।  मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि बालासाहेब अन्याय के खिलाफ लड़ते थे।  उनके विचारों से आम जनता को अन्याय के खिलाफ लड़ने की शक्ति और ऊर्जा मिली है। उनका कहना था कि अस्सी फीसदी समाजसेवा और बीस फीसदी राजनीति,  हम उसी विचार को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री  शिंदे ने कहा कि  सेन्ट्रल हाल में बालासाहेब का चित्र लगाया जा रहा है यह बहुत ही महत्वपूर्ण  क्षण है। बालासाहेब हमारे परिवार के मुखिया थे , गुरु थे। वह जितने कठोर थे उतना कोमल थे।  वह हमेशा लोगों की समस्याओं से वाकिफ रहते थे। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि बाबासाहेब ने हिम्मत और आत्मविश्वास दिया।  उन्होंने अपने विचारों से कभी समझौता नहीं किया।  वह सामान्य लोगों के लिए रिमोट कंट्रोल का काम किया।  बालासाहेब के व्यक्तित्व में अनेक विचारों का संगम देखा जाता था।  विभिन्न क्षेत्रों में अनेक लोगों पर संकट आये थे उस समय वह उनके पीछे मज़बूती से खड़े रहे। कार्यकर्ताओं को हमेशा मज़बूती देने का कार्य उन्होंने किया। इस कार्यक्रम में  विधनसभा अध्यक्ष  राहुल नार्वेकर , विधानपरिषद में उपसभापति  नीलम गोरहे, केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ,विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार , विधानपरिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे  के भी भाषण हुए। 

You may also like

Leave a Comment