बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे बालासाहेब ठाकरे -राज ठाकरे
संजीव शुक्ल
मुंबई : मुंबई स्थित विधान भवन के केंद्रीय सभागृह में हिन्दू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे के तैलचित्र का अनावरण २३ जनवरी को उनकी जयंती पर किया गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे,उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे मौजूद थे। उद्धव ठाकरे इस कार्यक्रम में नहीं आये। शिवसेना ( उद्धव ठाकरे ) के अंबादास दानवे जो कि विधान परिषद में विपक्ष के नेता हैं और विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे कार्यक्रम में मौजूद रही । रामदास कदम और गजानन कीर्तिकर भी मौजूद रहे। इस अवसर पर बाल ठाकरे के भतीजे एवं मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि बाला साहेब के नाम के आगे करीब तीन से सवा तीन साल के बाद हिन्दू ह्रदय सम्राट लग रहा है। इसके लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का अभिनंदन किया। उन्होंने स्वयं को बाबासाहेब के विचारों का वारिस बताया और कहा कि वारिस वास्तु का नहीं विचारों का होता है। राज ठाकरे ने अपने भाषण में पहले उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम लिया और उसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का। उन्होंने उद्धव ठाकरे का नाम नहीं लिया लेकिन संकेतों में कहा कि इस लोकार्पण समारोह में उपस्थित अनेक लोग और अनुपस्थित अनेक जन। राज ठाकरे ने कहा कि जिस आदमी के कारण यह विधान भवन की इमारत तुम्हें देखने को मिली उस स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे का तैल चित्र इस इमारत में लग रहा है इसका हमें अभिमान है। सैकड़ों लोग विधान भवन में आये बालासाहब ने उन्हें यहाँ भेजा। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से विनती है कि वह विधानसभा और विधान परिषद में भी बालासाहब का तैल चित्र लगाये ताकि हम किसकी वजह से विधान भवन आये यह उनको समझे। उन्होंने कहा कि बालासाहेब के बारे में बोलना हो तो कहां से शुरू करूँ यह सवाल आता है । उनका बहुत करीब का साथ रहा है। उनकी ऊँगली पकड़कर चलने का साथ रहा है। उनके व्यंग चित्र का साथ रहा है। मैं शिशु वर्ग में था तब बालासाहब स्वयं गाड़ी चलाकर मुझे लेने आते थे। बालासाहेब के साथ अपनी स्मृतियों को साझा करते हुए राज ठाकरे ने बताया कि एक बार भाजपा के नेता आये और कहा कि सुरेश जैन को मुख्यमंत्री बना दिया जाये तो वह दूसरी जगह से और विधायक ला सकते हैं और अपनी सरकार बन सकती है। मैंने बालासाहेब को सोते से उठाया और कहा कि ऐसी बात है, तब बाला साहब ने बोला महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनेगा तो मराठी ही, और हाथ आ रही सत्ता को उन्होंने जाने दिया। राज ठाकरे ने कहा मैंने बचपन से अनेक घटनाएं देखी है। पराजित होकर अनेक लोग रोते हुए बालासाहेब ठाकरे के पास मिलने के लिए आते थे। उनको संभालने वाले बालासाहेब। चुनकर आने वाले लोगों से बोलने वाले बालासाहेब। मिलने के लिए आने वाली हस्तियों से बोलने वाले बालासाहेब। ऐसे विलक्षण व्यक्तित्व को मैं छोटा था तबसे देखते आ रहा हूँ। मैं उनके साथ घुमा फिरा हूँ। उनका साथ मुझे मिला। जो घटनाएं देखी उसके कारण मैं स्वयं की राजनीतिक पार्टी बनाई। नहीं तो हिम्मत नहीं हुई होती।
बता दें कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने विधान मंडल के मानसून सत्र में शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बालासाहेब का तैल चित्र विधानभवन में लगाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मांग की थी। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधानमंडल के नागपुर के शीतकालीन सत्र में तैल चित्र लगाने की घोषणा की। उसके अनुसार 23 जनवरी को स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे के 97 जयंती के अवसर पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।