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खरी-खरी: सुरेश मिश्र

by zadmin

इक्किस दल को निमंत्रण,है सबका मनुहार
आओ मिलकर जताएं,इक दूजे में प्यार
इक दूजे में प्यार,लड़ें सब कुछ बिसराई
शेर बहुत मजबूत,बंद कर दिया कमाई
कह सुरेश कविराय सभी दल को समझाएं
चलो गधे को ही नृप अबकी बार बनाएं

सुरेश मिश्र

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