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जब तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष केसरीनाथ त्रिपाठी ने किया मेरा सम्मान

by zadmin

तात्कालीन विधानसभा अध्यक्ष केसरीनाथत्रिपाठी  ने मेरा सम्मान किया 

संजीव शुक्ल 
 मुंबई: पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल , उत्तर प्रदेश  विधानसभा के भूतपूर्व अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी से प्रत्यक्ष सरोकार दो दशक पहले हुआ था वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष थे और मेरे एक परिचित उद्योगपति की कंपनी के भूमिपूजन के लिए आये थे। परिचित का बंगला तो गोरेगांव  में था जहाँ वह रहते थे लेकिन उस कंपनी को तब ठाणे जिले के अंतर्गत आनेवाले क्षेत्र में बनाया जाना था और उसका भूमि पूजन भी वहीं हुआ। मुझे उस उद्योगपति ने इस कार्यक्रम के लिए व्यक्तिगत तौर  पर आने के लिए कहा था।  मैं वहां पहुंचा तो मुंबई से गए कई  पत्रकार वहां मौजूद थे। उस समय जब वहां मौजूद गणमान्यों का  स्वागत सम्मान किया जाने  लगा तो मेरा नाम भी बुलाया गया। मैं वहां एक पत्रकार के तौर पर भी गया था। वहां पर विशेष अतिथियों का सम्मान होने के बाद उस उद्योगपति ने केसरी नाथ त्रिपाठी के हाथों फूलों का गुलदस्ता देकर मेरा भी सम्मान करवाया। उसके बाद तब उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाने वाले केसरी नाथ त्रिपाठी की  उत्तर प्रदेश की राजनीति पर  मीडिया से बातचीत हुई। उस भूमि पूजन कार्यक्रम में कई  हिंदी भाषी शख्सियत मौजूद थी। उसमें डॉ राधे श्याम तिवारी का नाम उल्लेखनीय है।  केसरी नाथ त्रिपाठी जी  से  दूसरी मुलाकात बांद्रा में हुई।  भाजपा की  25वीं वर्षगांठ पर उसके राष्ट्र्रीय कार्यकारिणी की बैठक मुंबई के बांद्रा में आयोजित की गयी थी । उस समय मैं  नवभारत टाइम्स  में था और  वहां  कवरेज के लिए  गया  था। केसरीनाथ त्रिपाठी तब गुजरात के तात्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ( प्रधानमंत्री मोदी जी )  के साथ उस परिसर में  शबरी (  वहां खान पान  व्यवस्था  वाले पंडाल का नाम यही रखा गया था ) की तरफ से पत्रकार वार्ता स्थल  की तरफ आ रहे थे। उस समय कलराज मिश्र भी उनके साथ थे ।  मैंने नरेंद्र मोदी जी को  अपना परिचय दिया और हाथ मिलाया। उसके बाद मैं केसरी नाथ त्रिपाठी जी से अभिवादन किया। मैंने केसरीनाथ त्रिपाठी जी को बताया कि मैं संजीव शुक्ल मूलतः उत्तर प्रदेश  के प्रतापगढ़ जिले से हूँ। आप  जिस संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े थे मेरा मूल निवास वाला हिस्सा उस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत  आता है। कलराज मिश्र साथ ही खड़े थे वह  यह सुन रहे थे  वह असहमत दिखे, बोले  ऐसे कैसे। मैंने बताया कि भले  उस संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा दूसरे जिले में पड़ता है लेकिन उसका कुछ हिस्सा प्रतापगढ़ के उस हिस्से में भी आता है जहां मेरा पैतृक निवास है। उसके बाद दोनों सहमत दिखे।  केसरीनाथ त्रिपाठी का 89 साल की उम्र में 8जनवरी को स्वर्गवास हो गया।  भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।  दुःख की इस घड़ी में मैं उनके परिजनों के साथ शामिल हूँ। 

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