Home विविधासाहित्य खरी -खरी :सुरेश मिश्र

खरी -खरी :सुरेश मिश्र

by zadmin

नाग नाथ हैं इस तरफ,सांपनाथ उस ओर
अजगर तिसरा मोर्चा,गजब का चले दौर
गजब का चले दौर, बात माने ना मानें
वही रो रहे आज,बंद जिसकी दूकानें
भ्रष्टाचारी लूटकर,हजम किए चहुंओर
आज वही चिंचिया रहे,देखो माखन चोर

सुरेश मिश्र

You may also like

Leave a Comment