म्हाडा और मनपा के बीच खींचतान में चेंबूर के दो उद्यानों की दुर्दशा
भाजपा नगरसेविका मराठे ने दी आमरण अनशन की धमकी
मुंबई:चेंबूर के वार्ड क्रमांक 152 स्थित दो उद्यान म्हाडा और महानगरपालिका की खींचतान के कारण बर्बाद हो गए हैं. चेंबूर के सुभाष नगर का डोलस उद्यान और सिद्धार्थ कॉलोनी का डॉ आंबेडकर उद्यान प्रशासनिक लापरवाही के कारण उजड़ गया है. इन उद्यानों की दुर्दशा और महानगरपालिका प्रशासन की अनदेखी के खिलाफ भाजपा नगरसेविका आशा सुभाष मराठे ने आमरण उपोषण की धमकी दी है. उन्होंने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी दी है कि 6 दिनों के अंदर मनपा ने कोई कार्रवाई नहीं की तो वह एम् पश्चिम वार्ड कार्यालय के बाहर 2 जनवरी से आमरण अनशन करेंगी. बता दें कि नगरसेवक बनने के बाद से ही नगरसेविका आशाताई मराठे इन दोनों उद्यानों की देखभाल करती रही हैं. यह कार्य उनके नगरसेवक निधि से किया जाता रहा है. इन दोनों उद्यानों का रख रखाव महानगरपालिका कर रही थी. लेकिन जनवरी 2018 में एक शासकीय आदेश के तहत इन दोनों उद्यानों का ताबा म्हाडा ने ले लिया. इस सरकारी आदेश के बाद से डोलस उद्यान और आंबेडकर उद्यान की देखभाल को ग्रहण लग गया. जून 2022 में मुख्य अधिकारी म्हसे के साथ म्हाडा में हुई बैठक में भी यह मुद्दा उठा तब यह कहा गया था कि म्हाडा ने दोनों उद्यानों को महानगरपालिका को सौंप दिया है. इसके बाद से श्रीमती मराठे इन उद्यानों को बचाने के लिए सभी प्रशासनिक अधिकारियों से लगातार फॉलो अप करती रहीं. इसके बाद 31 अक्टूबर को मुंबई के पालक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा के एम् वार्ड के दौरे के समय उनके समक्ष म्हाडा और महानगरपालिका अधिकारियों के साथ भी चर्चा हुई. इस चर्चा में म्हाडा अधिकारियों ने दोनों उद्यानों को महानगरपालिका को अविलंब हस्तांतरित करना मान्य किया. तब लगा था कि इन दोनों उद्यानों पर लगा प्रशासन का ग्रहण ख़त्म हो जायेगा,लेकिन दो माह बीतने के बाद भी मनपा प्रशासन द्वारा कोई हलचल न होने पर स्थानीय लोगों में नाराजगी फ़ैल गयी है. इसलिए भाजपा नगरसेविका आशाताई सुभाष मराठे ने मनपा कार्यालय के बाहर 2 जनवरी को आमरण अनशन की धमकी दी है. सबसे गंभीर बात यह है कि इन दोनों उद्यानों को दुर्दशा और प्रशासन की अनदेखी के कारण उद्यान में असामाजिक तत्वों की गतिविधियां बढ़ गयीं है, जो पुलिस के लिए सिरदर्द बन रही है. सुभाष नगर का डोलस उद्यान कभी हराभरा रहता था, वहां सुभाष नगर के बड़े-बूढ़े-बच्चे और महिलाओं के आने जाने से गुलजार रहता था. .यहां कई प्रकार के पेड़ पौधे और बच्चों के खेलने का उपकरण लगा है जो देखभाल के अभाव में बर्बाद हो रहे हैं. पेड़ पौधे सूख गए हैं फलस्वरूप वीरानी छाई रहती है. और गंदगी के कारण यहाँ जहरीले सांपों का बसेरा हो गया है जो प्राणघातक है. स्थानीय लोगों का कहना है कि म्हाडा के एक अदूरदर्शिता पूर्ण निर्णय से डोळस और आंबेडकर उद्यान उजाड़ हो गया और उसपर से मनपा की उदासीनता ने इसे बर्बाद कर दिया है.