मुक्ता तिलक को विधानसभा ने श्रद्धांजलि देकर सदन स्थगित
संजीव शुक्ल
नागपुर: विधान सभा के शीतकालीन सत्र केपाँचवें दिन शुक्रवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधायक मुक्ता तिलक के निधन पर शोक प्रस्ताव रखा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुक्ता तिलक के बारे में कहा कि लोकमान्य तिलक के प्रपोत्र की बहु शैलेश तिलक की पत्नी थी। वह स्नातक तक फर्गुसन महाविद्यालय से पढ़ाई की। मानवशास्त्र की पढ़ाई की। वह उच्च शिक्षित थी। वह नगरसेवक रही। वह भाजपा की विधायक थी। उन्होंने उत्तम कार्य किया। पुणे में भाजपा का पहला महापौर होने का उन्हें सम्मान मिला। सभी को साथ लेकर न्याय देने का कार्य उन्होंने किया। मुक्ता तिलक ने पुणे में कई योजनाएं लागू करवाई। उन्होंने मुक्ता तिलक से उनकी अतीत के मुलाकात की बात बताते हुए कहा जब मैं वहां गया तो उन्होंने कहा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र का कार्य है। उन्होंने जीवन के अंतिम समय तक समाज सेवा का कार्य किया। उनके निधन से एक अच्छा समाजसेवी चला गया। हम उनके दुःख में सहभागी हैं। हम मुक्ता तिलक को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। विधान सभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि मुक्ता तिलक का जन्म 1965 में ग्वालियर में हुआ था। वह कैलेंडर की सम्पादिका थी। वह पुणे की नगरसेवक थी। वह पुणे की महापौर थी। वह पुणे के क़स्बापेठ से विधायक चुनी गयी थी। इस सदन में उनकी सीट दरवाज़े के पास ही थी। एक निष्ठावान, कर्तव्यवान जनसेवी का निधन हुआ है। अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सदन में सदस्यों से कहा कि मैं सदस्यों से शोक व्यक्त करने की विनती करता हूँ। सत्तारूढ़ सदन के सदस्यों ने मुक्ता तिलक को सदन में खड़े होकर मौन रहकर श्रद्धांजलि दी। अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि विधिमंडल का स्मृति पत्र शोकाकुल परिवार को भेजा जायेगा। उसके बाद सदन का कामकाज स्थगित कर दिया। सदन का कामकाज सोमवार 26 दिसम्बर को फिर से होगा ।