‘विधानमंडल को हाई टेक किया जायेगा ‘
‘संजीव शुक्ल
मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का कहना है कि विधायिका और न्यायपालिका का अधिकार समान है लेकिन जब विधानमंडल नियम बाह्य कार्य करता है तभी न्यायपालिका हस्तक्षेप करती है। उन्होंने एकनाथ शिंदे समर्थक 16 विधायकों के मामले का साफ़ तौर पर उल्लेख न करते हुए संकेतों में कहा कि विधानमंडल जब नियम के बाहर काम करता है तभी न्यायपालिका दखल देती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में कोई निर्धारित अवधि नहीं है। ज्ञातव्य है कि महाराष्ट्र के उपाध्यक्ष रहने के दौरान नरहरि झिरवाल ( उस समय अध्यक्ष का पद खाली था ) ने एकनाथ शिंदे समर्थक विधायकों के निलंबन करने सम्बन्धी नोटिस जारी किया था। मामला कोर्ट में तूल पकड़ा। यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। फ़िलहाल शिंदे समर्थक विधायकों की मान्यता बरकरार है और यह मामला कोर्ट में अभी भी लंबित है। एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन चुके हैं और उनके समर्थक विधायक सरकार में शामिल हैं। महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव 2024 में है यानी विधायकों के निलंबन की समय सीमा निर्धारित नहीं होने का अभिप्राय यह लगाया जा रहा है कि यह मामला और आगे खिंच सकता है । ज्ञातव्य है कि महाराष्ट्र के विधानमंडल का इससे पुराना मामला तात्कालीन भाजपा के 12 विधायकों के निलंबन का था जो एक वर्ष के लिए विधानमंडल द्वारा किया गया था। बाद में उन निलंबित विधायकों ने इसके विरोध में कोर्ट में गुहार की और वहां से उनको राहत मिली और 12 तत्कालीन विधायकों का निलंबन कोर्ट द्वारा रद्द किया गया। ये 12 विधायक बहाल हैं। अभिप्राय यह कि इस तरह के मामले में कोर्ट तभी विधानमंडल का निर्णय पलटती है जब उसे लगता है कि विधानमंडल में कानून का उल्लंघन हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर और विधान परिषद में उप सभापति नीलम गोर्हे ”सुयोग ” में पत्रकारों से अनौपचारिक बात करने आये थे। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने बताया कि विधानमंडल हाई टेक किया जायेगा। एक क्लिक पर सम्बन्धित जानकारियां उपलब्ध की जा सकेगी। उन्होंने उल्लेख किया की सदन के कामकाज वीडियो और दूसरे रूप में उपलब्ध है। साल 1939 से दस्तावेजों, जानकारियों का डिजिटलाइजेशन किया जायेगा।