महाराष्ट्र विधान मंडल: दूसरे राज्यों से युवा आकर बन रहे नक्सली ‘
संजीव शुक्ल
नागपुर; महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज 19 दिसंबर से महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर में शुरू हो गया। सदन में जय श्री राम, जय महाराष्ट्र का स्वर गूंजा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सदन में निर्धारित कामकाज शुरू होने के पहले ही सदन में अपने आसन में काबिज़ हो गए थे। विधानसभा में सदन के कामकाज की शुरुआत सुबह 11 बजे वन्दे मातरम गान के साथ हुआ। उसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई स्थित मरोल विधानसभा से नवनिर्वाचित सदस्य ऋतुजा लटके का सदन में परिचय कराया। रमेश लटके की मौत के बाद हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी ऋतुजा लटके ने जीत हासिल की थी और पहली बार ही सदन में उपस्थित हुई थी । उसके बाद कई अध्यादेश पटल पर रखे गए। सदन के कामकाज के दौरान विपक्ष के नेता अजित पवार ने कर्नाटक – महाराष्ट्र सीमा विवाद के तहत जारी दिक्कतों का हवाला देते हुए कहा कि वहां पर लोगों को जाने से रोका जा रहा है। उनकी गाड़िया रोकी जा रही है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष से कहा कि यह राज्य की अस्मिता का सवाल है इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। यह मामला ( सीमा विवाद ) सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। सदन में एक सदस्य बाबा आत्राम को नक्सली संगठन द्वारा धमकी दिए जाने का मामला उठाया गया, यह धमकी कल ही दी गयी है। जिस पर गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस बारे में राज्य के पुलिस महानिदेशक से बात की गयी है उनकी सुरक्षा के लिए तवज्जो दिया गया है। बाबा आत्राम को धमकी मिली है। उनको जो भी ज़रूरी है सुरक्षा मुहैया कराई जायेगी। नक्सलवाद से घबड़ाकर महाराष्ट्र थमेगा नहीं। राज्य में नक्सलियों को बढ़ने नहीं दिया जायेगा। फडणवीस ने सदन को बताया कि राज्य में यहाँ के युवा नहीं बल्कि उड़ीसा और छत्तीसगढ़ से युवा यहाँ आकर नक्सली बन रहे हैं। सदन में पूर्व दिवंगत सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री माणिक राव होडल्या गावित,सदस्य और पूर्व राज्य मंत्री किशन राव नानासाहेब देशमुख , पूर्व विधायक अनी सितम्बलम शेखर सहित अन्य दिवंगत सदस्यों के निधन पर शोक प्रस्ताव रखा गया ।इसके पहले विधानभवन की सीढ़ियों पर विपक्ष ने भ्रष्टाचार , सीमा विवाद सम्बन्धी मामलों पर नारे बाज़ी की। विरोध कर रहे कई सदस्यों ने हाथों में स्लोगन लिखे फलक पकड़ रखे थे। कांग्रेस के सदस्य नाना पटोले भी नारे बाज़ी कर रहे थे ”50 खोके , ओके ” यह शिंदे सरकार पर तंज था। लेकिन जब विपक्ष के सदस्य भ्रष्टाचार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे तब एनसीपी के छगन भुजबल सहित इस तरह के मामले में आरोपी रहे अन्य सदस्य उदासीन दिखे। भुजबल तो एकदम पीछे अंतिम क़तार में खड़े होकर दूसरे से बात करते दिखे।