मुंबई- जल्द ही आपको होम लोन के लिए ढेर सारे कागजातों से छुटकारा मिल सकता है। बैंक इसके लिए ऑनलाइन लोन देने की योजना पर काम कर रहे हैं। इसके लिए वे आपके तमाम डेटा और क्रेडिट संबंधी प्रोफाइल को रिकॉर्ड में रखकर लोन की मंजूरी दे देंगे। यह पूरी तरह से एक डीमैट प्रक्रिया के तहत होगा।
बैंक ऐसी तकनीक का भी उपयोग कर रहे हैं जो सोशल मीडिया सहित अन्य डाटा को इकट्ठा कर ले और उसे बैंक के पास भेज दे। इससे बैंक को ग्राहकों की क्रेडिट प्रोफाइल बनाने में मदद मिलेगी। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने हाल ही में कई नए प्रकार के अनुबंधों को डिजिटाइज़ करने के लिए जोर दिया है। इससे जल्द ही पेपरलेस होम लोन एक हकीकत बन सकता है।
नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विसेज (एनईएसएल) के एमडी और सीईओ देबज्योति रे चौधरी ने इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) के एक कार्यक्रम में कहा कि हाल ही में एमईआईटीवाई ने एक अधिसूचना जारी की है। इसमें होम लोन को कागजातों को डिजिटलाइजेशन करने की मंजूरी दी गई है। हम उस पर काम कर रहे हैं। मैं ऐसी स्थिति की कल्पना कर सकता हूं जब कोई भी अनुबंध डीमैट रूप में उपलब्ध हो सकता है।
एनईएसएल बैंकों को डिजिटल सेवा प्रदान करता है जो अनुबंधों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से बनाने में सक्षम बनाता है। एसबीआई ने पहले ही ग्राहकों को मोबाइल ऐप योनो पर कुछ क्लिक के साथ कर्ज लेने में सक्षम बनाकर 65,000 करोड़ रुपये का लोन पोर्टफोलियो बना लिया है। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा, हमें उम्मीद है कि इस साल पोर्टफोलियो 1 लाख करोड़ को पार कर जाएगा। साथ ही, सैद्धांतिक मंजूरी या कार ऋण, गोल्ड लोन और होम लोन ऑनलाइन प्रदान किया जा रहा है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के एमडी संजीव चड्ढा के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में बैंक अपने कारोबार को 34-40% तक बढ़ाने में कामयाब रहा है, जबकि शाखा नेटवर्क में 15% की कमी आई है। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के एमडी वी वैद्यनाथन ने कहा कि डिजिटल बैंकिंग बैंकिंग में छोटे कर्ज लेने वालों को संचालन की लागत के कारण उच्च कीमत चुकानी पड़ती है। डिजिटलीकरण के साथ पहचान दस्तावेजों और बैंक स्टेटमेंट में हेराफेरी कम हुई है।