खरी-खरी
आम आदमी पार्टी, कर रही दो-दो हाथ।
दिल्ली हो या हिमाचल, या फिर हो गुजरात।।
या फिर हो गुजरात, एमसीडी की बारी।
दिल्ली पर काबिज, होने की है तैयारी।।
भले हिमाचल में नहीं, गल पायेगी दाल।
उधर मगर गुजरात में, बदलेगा कुछ हाल।।
अशोक वशिष्ठ
खरी-खरी
आम आदमी पार्टी, कर रही दो-दो हाथ।
दिल्ली हो या हिमाचल, या फिर हो गुजरात।।
या फिर हो गुजरात, एमसीडी की बारी।
दिल्ली पर काबिज, होने की है तैयारी।।
भले हिमाचल में नहीं, गल पायेगी दाल।
उधर मगर गुजरात में, बदलेगा कुछ हाल।।
अशोक वशिष्ठ