Home ठाणे डोंबिवली एमआईडीसी क्षेत्र के मिलापनगर झील की दुर्दशा

डोंबिवली एमआईडीसी क्षेत्र के मिलापनगर झील की दुर्दशा

by zadmin

एमआईडीसी क्षेत्र के मिलापनगर झील की दुर्दशा 

कल्याण:-श्रीकेश चौबे :डोंबिवली एमआईडीसी में गणेश विसर्जन झील के नाम से मशहूर प्राकृतिक झील अब कचरा और सीवेज डंपिंग के लिए डंपिंग झील बन गई है। अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले  दिनों में यह झील विलुप्त हो जायेगा. बता दें कि  सबसे पहले  डोंबिवली महानगरपालिका- केडीएमसी ने  वर्ष 2002 में तत्कालीन सांसद प्रकाश परांजपे के सांसद निधि से इसका सौंदर्यीकरण किया गया था। इस क्षेत्र के ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने के बाद ग्राम पंचायत द्वारा इसका सौंदर्यीकरण किया गया। दो साल पहले फिर से केडीएमसी स्वयं के कोष से 25 लाख खर्च कर इसका सौंदर्यीकरण किया । सौंदर्यीकरण के नाम पर इस झील पर कई बार खर्च करने के बावजूद यह झील बदहाली में तब्दील हो गई है, जिसमें जनता का पैसा बर्बाद हुआ है. इससे पहले गणेश/नवरात्रि उत्सव के दौरान मूर्तियों को इस झील में विसर्जित किया जाता था। चूंकि यह झील आकार में छोटी है, मूर्तियों के विसर्जन के कारण भारी गाद जमा होने और पीओपी के कारण प्रदूषण के कारण, उसमें , मछलियां, कछुए आदि अक्सर झील में मृत पाए जाते थे। इसलिए यहां विसर्जन आदि इस  सरोवर में न करने देने की अपील  कई  संगठनों ने  केडीएमसी से  किया जब  केडीएमसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो डोंबिवली वेलफेयर एसोसिएशन और मिलाप नगर रेसिडेंट  वेलफेयर एसोसिएशन ने पांच साल पहले पुणे में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका दायर की थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इसका तुरंत संज्ञान लिया और इस पर सुनवाई करते हुए इस झील में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगा दी. पिछले पांच साल से इस झील में मूर्ति विसर्जन नहीं किया गया है। तो सोचा गया कि उक्त झील प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ रहेगा पर ऐसा नहीं हुआ. जून 2015 से, जब से इस झील/सेक्टर को केडीएमसी को हस्तांतरित किया गया है, इस झील की सफाई की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है। झील के चारों ओर झाड़ियां उग आई हैं और अब इस झील का पानी हरा हो गया है और इसमें साइड सीवेज जाने से दुर्गंध आ रही है। इससे यहां मच्छरों की संख्या बढ़ गई है और बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है। इस झील की नियमित सफाई और इस झील पर एक कर्मचारी की नियुक्ति की मांग नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं राजू नलवड़े और वर्षा महाडिक  ने की है और इस  सुंदर झील को बचाने के लिए मनपा प्रशासन से गुहार लगाईं है. 

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