छठ मइया अब कीजिए,भारत को सम्पन्न
उगता सूरज देखकर, धरती हुईं प्रसन्न
धरती हुईं प्रसन्न,हरो मां क्लेश हमारे
अस्ताचल जाते दिनकर को शीश झुका रे
कह सुरेश नाचें सारे खल ता-ता थइया
जय-जय भानु भास्कर,जय हो हे छठ मइया
सुरेश मिश्र
छठ मइया अब कीजिए,भारत को सम्पन्न
उगता सूरज देखकर, धरती हुईं प्रसन्न
धरती हुईं प्रसन्न,हरो मां क्लेश हमारे
अस्ताचल जाते दिनकर को शीश झुका रे
कह सुरेश नाचें सारे खल ता-ता थइया
जय-जय भानु भास्कर,जय हो हे छठ मइया
सुरेश मिश्र