सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि सैटेलाइट टीवी चैनलों को अगले एक महीने में नियंत्रण मुक्त कर दिया जाएगा। दर्शकों की संख्या के नियमों के दिशा-निर्देशों को संशोधित किया जाएगा और इसके तहत टीवी चैनलों को डीरेगुलेट करने का निर्णय लिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य भारत को ‘अपलिंकिंग’ का प्रमुख केंद्र बनाना है। इसी सिलसिले में यह फैसला लिया गया है। उपग्रह दूरसंचार में, अपलिंक ग्राउंड स्टेशन से उपग्रह तक की कड़ी है। दूसरी ओर, डाउनलिंक, उपग्रह के नीचे एक या एक से अधिक ग्राउंड स्टेशनों के बीच की कड़ी है।
अपूर्व चंद्रा ने आज ‘इंडिया स्पेस कांग्रेस’ को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि सैटेलाइट टीवी चैनलों को डीरेगुलेट किया जाएगा। अपूर्व चंद्रा ने कहा, देश के 898 टेलीविजन प्रसारकों में से 532 चैनल अपनी सेवाओं के ‘अपलिंकिंग’ और ‘डाउनलिंकिंग’ के लिए विदेशी उपग्रहों का उपयोग करते हैं। हम उपग्रहों के अपलिंकिंग को नियंत्रित करना चाहते हैं ताकि भारत इस क्षेत्र में एक हब के रूप में उभरे। अब इसमें सुधार की प्रक्रिया चल रही है। इन दिशा-निर्देशों में जल्द ही संशोधन किया जाएगा। यह काम अगले एक महीने में पूरा किया जा सकता है। उसके बाद सैटेलाइट टीवी चैनलों को नियंत्रण मुक्त कर दिया जाएगा।
चंद्रा ने यह भी कहा कि अगर भारत ‘अपलिंकिंग’ का प्रमुख केंद्र बन जाता है, तो भारत के पड़ोसी देश जैसे नेपाल, श्रीलंका, भूटान भी अपने टेलीविजन चैनलों को अपलिंक करने के लिए भारत का इस्तेमाल कर सकते हैं। मई 2020 में, केंद्र सरकार ने डीडी फ्री डिश स्लॉट के लिए कुछ चैनलों के मुद्दे को संबोधित करने के लिए दर्शकों के नियमों के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किए थे।