खरी-खरी
गणराया हे गजानन, कुछ कर दो महाराज।
चिंताओं से मुक्त हो, जन-जन और समाज।।
जन-जन और समाज, खत्म सब हों बीमारी।
सभी रहें सानंद, नहीं हो कोई दुखारी।।
दु:खों का हो नाश, कष्ट का करो सफाया।
भारत पर अपनी कृपा, कर दो गणराया।।
अशोक वशिष्ठ
खरी-खरी
गणराया हे गजानन, कुछ कर दो महाराज।
चिंताओं से मुक्त हो, जन-जन और समाज।।
जन-जन और समाज, खत्म सब हों बीमारी।
सभी रहें सानंद, नहीं हो कोई दुखारी।।
दु:खों का हो नाश, कष्ट का करो सफाया।
भारत पर अपनी कृपा, कर दो गणराया।।
अशोक वशिष्ठ