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खरी-खरी:अशोक वशिष्ठ

by zadmin
vashishth

खरी-खरी
शिवसेना में अब तलक, हुई न ऐसी फूट।

शिंदे जी ऐसे गये, जैसे सब कुछ लूट ।।

जैसे सब कुछ लूट, पड़ा असमंजस भारी।

शिंदे गुट पर बीजेपी, कर रही सवारी ।

 हो गये शांत पवार, कोई एक शब्द कहे ना।

समय बताएगा, किसकी होगी शिवसेना।।
अशोक वशिष्ठ

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