अश्विनीकुमार मिश्र
मुंबई।विधान परिषद की 10 सीटों के चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल गोलबंदी में जुट गए है।परिषद का यह चुनाव दिलचस्प हो गया है क्योंकि 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में है। इस बार के परिषद के चुनाव में राज्य सभा की तरह निर्दलीय व छोटे दलों के 29 विधायकों का झुकाव परिणाम में फिर बदल कर सकता है।इस तरह जो राजनीतिक समीकरण है उसमें महाविकास अघाड़ी के घटकों में जबरदस्त भितरघात की संभावना दिख रही है।इसका ठिकरा परिषद की दसवीं सीट पर फूटेगा.यहां भारतीय जनता पार्टी के प्रसाद लाद व मुम्बई कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक जगताप के बीच मुकाबला है।वैसे भाजपा ने विधान परिषद के लिए 5 उम्मीदवार खड़े किए हैं जबकि माह विकास आघाडी ने 6 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं जिसमें कांग्रेस,शिवसेना व राकांपा ने 2-2 उम्मीदवार मैदान में हैं।संख्या बल की स्थिति देखें तो भाजपा के 4,शिवसेना व कांग्रेस के दो-दो तथा कांग्रेस का 1 उम्मीदवार आसानी जीत सकता है। परिषद के चुनाव में जीतने के लिए एक उम्मीदवार को 27 सीटों की जरूरत है।
पार्टी अनुसार विधायकों की संख्यां पर नजर डालें तो भाजपा के पास 113 विधायक हैं।जिसमें निर्दलियों व छोटी पार्टी का समावेश है। इसके 4 विधायक 108 मत लेकर आसानी से जीत सकते हैं।इसके बाद भाजपा के पास 5 मत बचते हैं।उसीतरह शिवसेना के पास अपने 55 और निर्दलियों के 8 मिलाकर संख्या बल 63 होती है।यहां 54 मत के उपयोग से शिवसेना के दो सदस्य चुने जा सकते हैं।यहां शिवसेना के पास प्रथम वरीयता के 9 वोट बचते हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस के 51 विधायक हैं। उन्हें दो विधायकों चलने के लिए 3 मत कम पड़ रहे हैं।इसका बंदोबस्त वह निर्दलियों से कर रही है। जबकि कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं,उसके दो उम्मीदवार को जिताने के लिए 10 वोट का टोटा है। विधान मंडल में छोटे दलों के 16 और 13 निर्दलीय विधायक हैं। निर्दलीय भाजपा व शिवसेना में बंट गए है।छोटे राजनीतिक दलों ने पत्ता नहीं खोला है।राज्य सभा चुनाव में छोटे छोटे दलों ने भाजपा उम्मीदवारों को सपोर्ट किया था,लेकिन वे और निर्दलीय इस बार अलग निर्णय ले सकते है।चर्चा यह भी है कि ये विधायक अघाड़ी के व्यवहार से नाराज है। इसलिए ये कुछ भी कर सकते हैं।मतदान गुप्त है इलिये क्रॉस वोटिंग हो सकती है।
10वें सीट पर कांग्रेस के भाई जगताप को 10 वोट कम पड़ रहे है।वह शिवसेना सहित हितेंद्र ठाकुर की पार्टी पर नजर गड़ाए है।यकीन राज्य सभा में बहुजन विकास पार्टी ने भाजपा को वोट दिया था।उधर भाजपा के प्रसाद लाड को 22 वोट की तलाश है।जिये छोटे दल या निद्राली ही पूरा कर सकते है।
रसजनीतिक तौर पर कांग्रेस