Home मनोरंजन फ़िल्म भूलभुलैया में हिंदू भावनाओं से खिलवाड़ ,औरतों और ब्राह्मणों को नीचा दिखाया

फ़िल्म भूलभुलैया में हिंदू भावनाओं से खिलवाड़ ,औरतों और ब्राह्मणों को नीचा दिखाया

by zadmin

फ़िल्म भुलभलैया में हिंदू भावनाओं से खिलवाड़ ,

औरतों और ब्राह्मणों को नीचा दिखाया 

  मुंबई: कंगना रनौत की फिल्म धाकड़ को धकेल कर एक फ़िल्म भूलभुलैया बड़ी धूमधाम से चल रही है।फ़िल्म की कथानक पूर्णतः भूतिया है. और पता नहीं किस शताब्दी की भूत प्रेत की कथाओं पर आधारित है।इसमें शिव भक्त गुलशन कुमार की प्रस्तुति है।निर्देशक अनीश बज्मी हैं।बड़े धाकड़ निर्देशक हैं।फ़िल्म बुलभूलैया के हीरो कार्तिक आर्यन और हीरोइन कियारा अडवाणी हैं।कहानी एक राजपूत की हवेली में हो रही भूत खेल का है।हिन्दू समाज में भूतखेल का दर्शन कराती है यह फ़िल्म।संवाद कहीं कहीं चुटीले हैं।पर पूरी फिल्म औरत की प्रताड़ना,दो बहनों के बीच द्रोह और पंडित के पाखण्ड को जोरदार ढंग से दर्शाती है।हिन्दूओं  में ब्याप्त झूठी  कुरीतियों को परोस कर एक अलग समुदाय को खुश करने में यह फ़िल्म सफल है। कथाकार की बिडंबना यह है कि एक औरत की लिखी कहानी को अंतरराष्ट्रीय बुकर सम्मान मिलता है।लेकिन भारतीय हिंदी फिल्म के निर्माताओं द्वारा उन्हें ही भूत बनाकर परोसा  जाता है। क्या नारी को भूत बनाने का चलन फिल्मों में रोका जाना चाहिए ।घर की बहू को 18 साल तक एक कमरे  में बंद रखकर यातना देने की घटना का फिल्मांकन करना अपराध नहीं  है।इसमें उस बहु  को एक हिन्दू तांत्रिक के जरिए कमरे में बंद  कराना और पंडित के  चरित्र को इतना घटिया प्रस्तुत कर हास्य पैदा करने की नीच हरकत है।आमिर खान ने पीके फ़िल्म में हिन्दू देवी देवताओं के नाम पर मजाक परोसा था। फ़िल्म भूलभुलैया  भी हिंदुओं के प्रतीकों का मजाक उड़ाती है।भूत को बाहर आने से रोकने के लिए दरवाजे पर त्रिशूल लगाना। फ़िल्म में छोटा पंडित की पत्नी के रूप में गदही को दिखाना।बज्मी चाहते तो किसी मौलवी का विवाह गदही से कराते,लेकिन उनकी रचनात्मकता में इतनी हिम्मत कहाँ है कि वह इस्लामी प्रतीकों का मजाक उड़ाएं।दरअसल फ़िल्म भूलभुलैया मनोरंजन की आड़ में हिंदुओं का मजाक उड़ाती प्रतीत होती है।पूरी फिल्म किसी बंगाली बाबा के डेरे में मनगढ़ंत कथानक को बयान करती है।इसलिए सेंसर बोर्ड को इसका संज्ञान लेना चाहिए था। आज जबकि मस्जिदों  के अंदर मंदिर को दफन करने की गाथा सामने आ रही है।वैसे में ये मुस्लिम निर्देशक मनोरंजन की आड़ में हिन्दू समाज को नीचा दिखाने का प्रपंच परोस रहे हैं ।और फ़िल्म हिट करा रहे हैं।महिला समाज और ब्राह्मण समाज जातिगत प्रताड़ना के अंतर्गत भुलभुलैया की टीम के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराना चाहिए।हिन्दू समाज को इस फ़िल्म का बहिष्कार करना चाहिए। 

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