Home ठाणे ठाणे स्टेशन परिसर में अवैध खाऊ गल्ली से यात्रियों को खतरा

ठाणे स्टेशन परिसर में अवैध खाऊ गल्ली से यात्रियों को खतरा

by zadmin

ठाणे रेलवे स्टेशन परिसर में खुले में बनता है नाश्ता और भोजन  क्षेत्र में खुलने पर खाना बनता है,
महानगर पालिका व स्थानीय पुलिस की उपेक्षा,
हादसे की स्थिति में कौन जिम्मेदार

आनंद पांडेय 

ठाणे : ठाणे रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन करीब साढ़े छह लाख से भी अधिक यात्री ट्रेनों से यात्रा करते है. लेकिन वर्तमान समय में स्टेशन परिसर खतरनाक बनता जा रहा है. क्योंकि यहाँ पर अनाधिकृत स्टॉल लगने लगे हैं, वहीं अब सैटिस के अंतर्गत उसी क्षेत्र में और सड़क पर एसटी डिपो के बाहर फुटपाथ पर खुले में खाने-पीने का सामान पकाया जा रहा है. इसके लिए गैस सिलेंडर का इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि अब सवाल यह उठ रहा है कि किसी समय सिलेंडर फटने से जानमाल की क्षति का जिम्मेदार कौन होगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस, महानगर पालिका और रेलवे में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

   आपको बता दें कि सैटिस का निर्माण होनेसेअब स्टेशन परिसर का आकार छोटा हो गया है. यहां रोजाना साढ़े छह लाख यात्री ट्रेन से सफर करते हैं. यहीं से टीएमटी की बसें चलने लगी हैं.  नीचे की तरफ एक रिक्शा स्टैंड और एक टैक्सी स्टैंड और नीचे की तरफ एक एसटी डिपो भी है. ऐसे में इस हिस्से में लगातार भीड़ रहती है. लेकिन रात 9 बजे के बाद जब भीड़ कुछ कम हुई तो यहां खाने-पीने की गलियां शुरू हो गईं. प्लेटफार्म नंबर 2, सैटिस ब्रिज के नीचे, सीधे एसटी डिपो के लिए विभिन्न खाद्य गाड़ियां लगने लगी है. इन खाद्य पदार्थों को पकाने के लिए गैस सिलेंडर का भी उपयोग किया जा रहा है. मिली जानकारी के मुताबिक क्षेत्र में रोजाना करीब 13 गैस सिलेंडर हैं. यहां खड़े रिक्शा भी हैं, वे भी सीएनजी से चल रहे हैं. इस संदर्भ में रेल यात्रियों ने सवाल उठाया है कि अगर गैस सिलेंडर में किसी बिंदु पर विस्फोट हो जाता है और इससे कुछ नुकसान होता है तो कौन जिम्मेदार होगा?

यात्रियों ने कहा कि इस संबंध में महानगर पालिका और पुलिस के साथ-साथ रेल प्रशासन से भी शिकायत की गई है. लेकिन इस पर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ साल पहले एक खाना पकाने वाली गाड़ी के सिलेंडर को इस तरह से खोलने पर उसमें विस्फोट हो गया था. इनमें से एक की मौत भी हो गई थी. उसके बाद ऐसे वाहनों पर रोक लगा दी गई. लेकिन अब एक बार फिर ये गाड़ियां फंसती नजर आ रही हैं.

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