ठाणे में पार्किंग की समस्या हुई विकट,
10 साल से कागजों पर सिमटी पार्किंग नीति
ठाणे : ठाणे में वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नगर पालिका ने पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की है. मनपा की पार्किंग नीति पिछले 10 साल से कागजों पर है. इससे वाहन पार्किंग की समस्या भी विकट हो गई है. कुल मिलाकर इससे जाम की स्थिति पैदा हो रही है क्योंकि सड़क के दोनों ओर कहीं भी वाहन खड़े हो रहे हैं.
शहर में वर्तमान में लगभग 2.3 मिलियन वाहन हैं. मनपा के आंकड़ों के मुताबिक हर साल वाहनों की वृद्धि दर 8 से 10 फीसदी होती है. दुपहिया वाहनों की संख्या 13 लाख 41 हजार 544 है. ठाणे मनपा के माध्यम से पार्किंग नीति को अंतिम रूप दिया गया है. लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है. इसके लिए शहर की 166 सड़कों को भी अंतिम रूप दिया गया है. योजना थी कि यहां 9000 से ज्यादा वाहन पार्क किए जाएंगे. हालांकि अभी तक पार्किंग नीति को अंतिम रूप नहीं दिया गया है. वहीं गावदेवी भाजी मंडई में दुपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई. लेकिन ठेकेदार का कार्यकाल समाप्त होने के कारण पिछले दो साल से पार्किंग व्यवस्था बंद है. गावदेवी मैदान के तहत स्मार्ट सिटी के तहत अंडरग्राउंड पार्किंग सिस्टम लगाने का काम पूरा हो गया है. अगले कुछ दिनों में इसका अनावरण किया जाएगा. इसलिए करीब 250 दोपहिया और चार पहिया वाहनों की समस्या का समाधान हो जाएगा. पोखरण रोड में भी पार्किंग की सुविधा है, लेकिन शहर से दूर होने के कारण यहां रिक्शा पार्क किए जा सकते हैं. गांधी उद्यान, नगर मुख्यालय, जांभली नाका आदि में भी पार्किंग का प्रस्ताव रखा गया है. लेकिन कागजों पर आगे नहीं बढ़ पाई. इसके अलावा नाला पर पार्किंग का प्रयोग फेल हो गया है.
पार्किंग प्लाजा शुरू होने से पहले इसे अस्पताल में तब्दील
वहीँ दूसरी तरफ ठाणे मनपा के माध्यम से जुपिटर अस्पताल के पास पार्किंग प्लाजा बनाया गया है. यहां एक हजार वाहन खड़े किए जा सकते हैं. लेकिन पार्किंग प्लाजा खुलने से पहले ही यहाँ पर कोरोना मरीजों के लिए कोविड अस्पताल बना दिया गया और अब इसे पार्किंग प्लाजा से डेडिकेटेड में शिफ्ट कर दिया गया. तभी से उसी स्थान पर मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल बनाने की योजना पर काम चल रहा है.