नाबालिग के साथ अत्याचार कर नृशंस हत्या करने वाले व्यक्ति को ठाणे कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
आनंद पांडेय
ठाणे : आइसक्रीम के बहाने सात साल की बच्ची का अपहरण कर उसके बाद सुनसान जगह पर ले जाकर बेरहमी से पत्थर मारकर मार कर हत्या करने वाले भरत कुमार धनीराम कोरी (30) को ठाणे की कोर्ट ने दोषी करार देते हुए मौत की सजा भी सुनाई है. यह घटना 21 दिसंबर 2019 को भिवंडी की है. संजय मोरे ने मामले में लोक अभियोजक के रूप में काम किया.
आरोपी कोरी भिवंडी का रहने वाला है. वह मृतक और पीड़ित लड़की को जानता था. पीड़ित लड़की को आइसक्रीम का लालच दिखाकर किसी सुनसान जगह पर ले गया और उसे प्रताड़ित भी किया. नाबालिग लड़की किसी को कुछ न बताएं इस कारण वह फिर उसने उसके सिर पर एक बड़ा पत्थर फेंक कर उसे मार डाला. भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन में यौन शोषण से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 364, 376, 376 (एबी), 376 (डीबी), 302 और धारा 4, 8, 9 (एच), 10 और 12 के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था.
ठाणे की विशेष पॉक्सो कोर्ट के जज केडी शिरभाते के सामने जब मामला आया तो 25 गवाहों और सरकारी वकील संजय मोरे द्वारा पेश किए गए सबूतों के आधार पर आरोपी भरत कुमार कोरो को दोषी करार देते हुए आईपीसी अधिनियम की धारा 302 के तहत फांसी और आईपीसी धारा 364 के तहत आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है और जुर्माना न भरने पर उसे एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. इसके साथ ही आईपीसी को धारा 376 (ए) (बी), पोक्सो के तहत धारा 5 (एम) और 6 के तहत मौत की सजा सुनाई गई है. मामले की जांच तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कल्याणराव करपे ने की. जबकि पुलिस कांस्टेबल डीए नोटेवाड और पुलिस कांस्टेबल वीवी शेवाले ने गिरफ्तार करने में अहम भूमिका निभाई.