Home ठाणे शहर में सीवर से हुई मौतों को लेकर मनपा आयुक्त के खिलाफ नागरिकों का आंदोलन

शहर में सीवर से हुई मौतों को लेकर मनपा आयुक्त के खिलाफ नागरिकों का आंदोलन

by zadmin

शहर में सीवर से हुई मौतों को लेकर मनपा आयुक्त के खिलाफ नागरिकों का आंदोलन

आनंद पांडेय 

ठाणे: शहर के नागरिकों, कार्यकर्ताओं और कामगारों ने ठाणे महानगर पालिका के बाहर खड़े होकर शहर से मैला ढोने की प्रथा को हटाने के लिए मनपा आयुक्त और उनकी टीम की निष्क्रियता और पूर्ण उदासीनता का विरोध किया. यह आंदोलन श्रमिक जनता संघ और म्यूज फाउंडेशन की तरफ से किया गया. इस दौरान आंदोलनकारियों का कहना है कि एक तरफ युवा कामगार नाले की सफाई के दौरान डूबकर अपनी जान गँवा रहे है तो वहीं आज भी जाति आधारित व्यवसाय जारी है. इस आंदोलन के दौरान कई नागरिकों ने अपने चेहरे पर काला पेंट लगाया और हाथ में पोस्टर लिए मुआवजे, पीड़ितों के परिवारों के पुनर्वास और हाथ से मैला ढोने की अमानवीय प्रथा को समाप्त करने की मांग की. 

 आंदोलनकारियों का कहना है कि 29 मार्च, 2022 को मुंब्रा के ग्रेस स्क्वायर में सूरज मढवी और हनुमान की हालिया मौतें शहर के सीवरों में मौतों की सूची में एक और काला अध्याय जुड़ गया है. जबकि घटना से पहले अमन, अमित और अजय की 9 मई, 2019 को प्राइड प्रेसीडेंसी लक्सुरिया में एक हाथ से मैला ढोने में जान चली गई थी. दोनों ही मामलों में, परिवारों के लिए मुआवजे और पुनर्वास पर राज्य की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया. इनका कहना है कि कई राजनैतिक दलों के नेताओं और नौकरशाहों ने कहा है कि ठाणे एक स्मार्ट शहर है. लेकिन सबसे गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों को दूर करने के लिए स्मार्ट तरीके से कुछ भी नहीं किया जा रहा है. उनका कहना है कि इस मामले को लेकर वे कई बार ठाणे जिला कलेक्टर के पास जा चुके हैं और शोक संतप्त परिवारों को तत्काल मुआवजा देने की मांग कर चुके हैं. लेकिन, जिला कलेक्टर की ओर से नागरिकों को कोई ठोस समाधान या प्रतिक्रिया नहीं मिली.

मनपा उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन 

प्रदर्शनकारियों ने ठाणे मनपा उपायुक्त मारुती खोडके को एक ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल में जगदीश खैरालिया, मोहित मुरलीधरन, मुक्ता श्रीवास्तव, निशांत बंगेरा, सूरज वाल्मीकि और अन्य शामिल थे. चर्चा के दौरान घन कचरा विभाग के उपायुक्त मनीष जोशी भी मौजूद रहे. जिसमें पिछले 5 सालों में नाला अथवा टंकी आदि की सफाई की दौरान मृत पाए गए सफाई कर्मियों के परिवारों का पुनर्वास करने और एक माह के भीतर मुआवजा दिए जाने, मैला ढोने वाले और उनका पुनर्वास करने, शहरी क्षेत्रों में सीवेज उपचार में लगे कर्मचारियों की कुल संख्या अगले 2 महीनों के भीतर एकत्र करने, सर्वेक्षण में पाए गए सभी मानव अपशिष्ट श्रमिकों को मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार निषेध और उनका पुनर्वास किये जाने, मानव मल की जगह मशीनों और जेट पंपों का इस्तेमाल किये जाने की मांग की. 

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