चित्रनगरी संवाद मंच में व्यंग्य पर चर्चा
मुंबई। चित्रनगरी संवाद मंच के इंग्लिश कैफे, गोरेगांव में साप्ताहिक कार्यक्रम में दिल्ली से पधारे “व्यंग्य यात्रा” के संपादक प्रेम जनमेजय ने कहानीकार और व्यंग्यकार के रूप में अपनी रचनात्मकता के सफ़र को साझा किया। जनमेजय का कहना है कि व्यंग्य एक निर्मम विवशता जन्य हथियार है।इसका इस्तेमाल एक सैनिक के रूप में या एक हत्यारे के रूप में, प्रयोग करते हैं, यह आप पर निर्भर करता है। व्यंग्य चर्चा पश्चात् व्यंग्यकार सुभाष काबरा, संजीव निगम और डॉ. अनंत श्रीमाली ने व्यंग्य रचनाओं का पाठ किया।प्रतिष्ठित शायर नवीन जोशी ‘नवा’, कवि – कथाकार भारतेंदु विमल, प्रदीप मिश्र और राजेश ऋतुपर्ण ने चुनिंदा ग़ज़लें सुनाईं। कवयित्री सावी दत्त, डॉ आर एस रावत, आकाश ठाकुर, किशोर शुक्ल, मराठी लेखक अशोक राजवाड़े और अभिनेता समर शुक्ल ने अपनी सहभागिता से कार्यक्रम की रौनक़ बढ़ाई। प्रसिद्ध शायर देवमणि पांडेय ने संचालन किया। हंसी- ठहाकों से भरपूर यह यादगार शाम थी।