सांसद मनोज कोटक ने रेलवे लाइनों के किनारे बसे झोपड़ों के पुनर्वसन के लिए नए बोर्ड की स्थापना की मांग की
पथिक संवाददाता
मुंबई: सांसद मनोज कोटक ने रेलवे की पटरियों के इर्दगिर्द 30 -35 वर्षों से रह रहे झोपड़ावासियों के पुनर्वसन की आवाज आज संसद में बुलंद किया. उन्होंने मांग की कि इनके पुनर्वसन के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार एक बोर्ड का गठन करे. आज संसद के शून्य काल में सांसद मनोज कोटक ने मुंबई के घाटकोपर, ठाणे,विक्रोली क्षेत्र में रेल लाइनों के किनारे बसे झोपड़ों के पुनर्वसन की मांग की। श्री कोटक ने लोकसभा में कहा कि 30 -35 साल से रेल्वेलाइन के पास बसे हुए लोगों के पुनर्वास के लिए त्वरित बोर्ड के गठन की जाए ,ताकि वह बेघर न हो सके. इन सभी झोपड़ा धारकों को मध्य रेल ने जगह खली करने का नोटिस दिया है. जिस कारण इन झोपड़ावासियों के मन में उनका घर उजड़ने का भय फ़ैल गया है. श्री कोटक ने लोकसभा में बताया कि झोपड़पट्टी विकास मंडल की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश देते हुए इन सभी जमीनों के पुनर्वास की योजना करने के लिये रेलवे, राज्य सरकार,स्थानीय प्राधिकरण को कहा है.इसके अनुसार ऐसी जमीनों पर बसे लोगों का नोटिस देने से पहले उन्हें वैकल्पिक जगह देने को कहा गया है.लेकिन यहाँ मध्य रेलवे ने नोटिस दी लेकिन पुनर्वसन की कोई योजना का प्रावधान नही किया है. इसलिए सरकार से अनुरोध है कि मध्य रेल के घाटकोपर, ठाणे,विक्रोली स्टेशन की रेल पटरियों के किनारे बसे हुए लोगों की पुनर्वास योजना के लिये केंद्र सरकार,राज्य सरकार, स्थानीय प्राधिकरण,एसआर ए ,मुंबई महानगरपालिका ,व एमएमआरडीए को मिलाकर एक बोर्ड का गठन किया जाए ताकि ये सभी मिलकर झोपडावसियों के पुर्वासन की योजना बनाएं,.